कोटा ब्यूरो रिपोर्ट। 

कोटा की पॉक्सो कोर्ट क्रम- 4 ने युवती से रेप के मामले में पुलिस की गलत जांच पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने शनिवार को सबूतों के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया। साथ ही आरोपी को 3 लाख रुपए देने के आदेश दिए हैं। ये पैसे तत्कालीन जांच अधिकारी ASI, SHO और SP की सैलरी से काटकर 2 महीने में कोर्ट में जमा कराने के निर्देश दिए। फैसले में लिखा- यह मामला जांच अधिकारी और SP की गंभीर लापरवाही का उदाहरण है।

कोर्ट ने फैसले में लिखा- जांच अधिकारी को घटनास्थल के आसपास रहने वाले किराएदार, मकान के आसपास रहने वाले लोगों और पीड़िता के जीजा के भी डीएनए सैंपल लेकर जांच करने की आवश्यकता थी। जांच अधिकारी ने कोई मैच्योरिटी नहीं दिखाई। एसपी ने भी अपने दिमाग का पूरा उपयोग नहीं करते हुए इस केस में चालान पेश करने का आदेश जारी कर दिया।

एसपी की लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण

कोर्ट ने लिखा- यह मामला जांच अधिकारियों और शहर एसपी की गंभीर लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण है। जिस कारण से आरोपी व्यक्ति जिसने पीड़िता के साथ रेप किया वो पकड़ में नहीं आ पाया।

बचाव पक्ष के वकील सादिक खान ने कहा- पुलिस की वजह से आरोपी 1 साल तक जेल में रहा। इस दौरान जॉब नहीं कर पाया। समाज में भी छवि धूमिल हुई। शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का शिकार हुआ। जिस पर कोर्ट ने 3 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति के आदेश दिए।

ये पैसे रामपुरा थाना के तत्कालीन जांच अधिकारी ASI उदय लाल, तत्कालीन SHO पवन कुमार और तत्कालीन शहर एसपी की सैलरी से वसूलने के आदेश दिए। निर्णय की पालना के लिए कलेक्टर को भी आदेश की कॉपी भेजी गई। दो माह के अंदर क्षतिपूर्ति राशि कोर्ट में जमा कराने के निर्देश दिए।

ये था मामला
31 अगस्त को पीड़िता के पिता ने रामपुरा थाने में शिकायत दी थी। जिसमें बताया था कि उसके 6 बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी 22 साल की है। वह बोलने-सुनने में सक्षम नहीं है। मंदबुद्धि है।

पेट दर्द की शिकायत पर उसे डॉक्टर को दिखाने गया तो 4-5 महीने की प्रेग्नेंट बताई। उससे इशारों में गलत काम करने वाले के बारे में पूछा तो उसने पड़ोस में रहने वाले युवक का घर बताया। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

14 सितंबर 2020 को युवक को गिरफ्तार किया। 3 दिसंबर 2020 को CJM कोर्ट में चालान पेश किया। यहां से केस डीजे कोर्ट,फिर महिला उत्पीड़न कोर्ट में गया। इसके बाद में पॉक्सो कोर्ट क्रम 4 में सुनवाई के लिए आया। 25 फरवरी 2021 से पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।

सुनवाई के दोरान बचाव पक्ष के वकील ने डीएनए जांच की एप्लिकेशन लगाई। रिपोर्ट नेगेटिव आई। कोर्ट में 19 गवाहों के बयान हुए,38 दस्तावेज पेश किए गए। इस दौरान आरोपी सितंबर 2021 तक (1 साल से ज्यादा समय तक) जेल में रहा। बाद में उसकी जमानत हो गई थी।