अजमेर ब्यूरो रिपोर्ट।  

क्रिश्चियनगंज थाना पुलिस ने सोमवार को ऐसी तीन महिलाओं सहित अन्य लोगों के खिलाफ कोर्ट में इस्तगासा पेश किया है, जिन्होंने पॉक्सो एक्ट में झूठे प्रकरण दर्ज कराए हैं। पुलिस जांच में यह मामले निराधार साबित हुए। एसपी के आदेश पर परिवादिया के खिलाफ संबंधित अदालतों में इस्तगासा पेश किया गया जिसे अदालत ने स्वीकार किया है। एसपी चूनाराम ने पिछले दिनों जिले के सभी थानाप्रभारियों को निर्देशित किया था कि पॉक्सो एक्ट, दुराचार और एससीएसटी एक्ट में झूठा मुकदमा कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।

नाबालिग बेटियों से छेड़छाड़ के दो मामले जांच के बाद सही नहीं पाए

थानाप्रभारी करण सिंह के मुताबिक 31 दिसंबर 2021 में एक महिला ने नाबालिग पुत्री से छेड़छाड़ करने के आरोप में गुलाम सरवर उर्फ गुडडू के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था जांच में यह मामला झूठा पाया गयाइसी तरह 8 फरवरी 2023 को मां ने नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने के आरोप में दिलीप लक्षकार के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था पुलिस अनुसंधान में यह मामला भी झूठा पाया गया। पुलिस ने इन दोनों मामलों की फाइनल रिपोर्ट (अंतिम प्रतिवेदन) विशिष्ट न्यायालय लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 और बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम-2005 न्यायालय संख्या-2 में पेश की है, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। टीम में थाने के कांस्टेबल करतार सिंह भी शामिल रहे।

पिता ने बेटी से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया, जांच में मामला झूठा निकला

6 अक्टूबर 2022 को एक पिता ने नाबालिग बेटी के साथ गलत हरकत करने वाले मुकेश काठात के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था जांच में मामला झूठा पाया गयामामले की फाइनल रिपोर्ट विशिष्ट न्यायालय लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 और बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम-2005 न्यायालय संख्या-2 में पेश की, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया।