सवाई माधोपुर - हेमेंद्र शर्मा। 

रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से खुशखबरी आई है। यहां बाघिन टी-69 ने दो शावकों को जन्म दिया है। रणथम्भौर की खण्डार रेंज में बाघिन टी-69 दो शावकों के साथ सोमवार को वन विभाग के फोटो ट्रैप कैमरे में कैद हई है। जिससे वन्य जीव प्रेमियों में खुशी का माहौल है। वन अधिकारियों ने बताया कि शावकों की उम्र करीब दो माह की बताई जा रही है। वन विभाग की ओर से भी सावधानी के तौर पर मॉनिटरिंग में इजाफा कर दिया गया है। वन विभाग की ओर से बाघिन के विचरण क्षेत्र में मॉनिटरिंग के लिए फोटो ट्रैप कैमरे लगाए गए है।

चौथी बार बढ़ाया रणथम्भौर में बाघों का कुनबा

वन विभाग के अनुसार बाघिन टी-69 ने चौथी बार शावकों को जन्म दिया है। इससे पहले बाघिन तीन बार शावकों को जन्म दे चुकी है। पहली बार में बाघिन ने एक शावक को जन्म दिया था। जिसे वन विभाग ने टी-110 नाम दिया था। वन विभाग की ओर से इस बाघ टी-110 को मुकुंदरा शिफ्ट किया गया था, जहां उसे एमटी-5 नाम पहचाना गया। इसके बाद बाघिन ने दूसरे लिटर (ब्यात) में दो शावकों को जन्म दिया। इसमें एक मेल व फीमेल शावक था। इन्हें विभाग की ओर से टी-122 व टी-123 नाम दिया।

बाघिन तीसरी बार मई 2021 में यह बाघिन दो शावकों के साथ वन विभाग के फोटो ट्रैप कैमरे में कैद हुई थी। करीब एक साल के बाद 26 मई 2022 को बाघिन टी-69 का एक शावक बाघ टी-74 के साथ संघर्ष में खण्डार रेंज के नीला पाठा क्षेत्र में मृत मिला था। बाघिन टी-69 की उम्र करीब 12 साल है। यह रणथम्भौर की बाघिन टी-30 यानि हुस्नआरा की संतान है। हुस्नआरा ने रणथम्भौर में चार बार में 9 शावकों को जन्म दिया था। टी-69 हुस्नआरा ने तीन शावकों को जन्म दिया था। इनमें दो मेल व एक फीमेल शावक था। वन विभाग की ओर से इन शावकों को टी-69, टी-70व टी-71 नाम दिया गया था।

लगातार की जा रही है शावकों की मॉनिटरिंग

रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के DFO मोहित गुप्ता ने बताया कि पहली बार शावक 22 मई को शाम 5.33 बजे वन विभाग के फोटो ट्रेप कैमरे में कैद हुए थे। जिसके बाद वन विभाग की ओर से बाघिन और शावकों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। एहतियात के तौर पर मॉनिटरिंग में इजाफा किया गया है।