श्रीगंगानगर-राकेश मितवा।
वरिष्ठ कवयित्री सुदर्शन शर्मा ने कहा है कि जब आपको समाज में बात करने का उचित माहौल नहीं मिल पाता है तो आप कागज से बात करना शुरू कर देते हैं। विशेष रूप से लड़कियों के साथ यही बात लागू होती है। शर्मा सृजन सेवा संस्थान की ओर से महाराजा अग्रसेन विद्या मंदिर सीनियरी सैकेंडरी स्कूल में आयोजित मासिक कार्यक्रम ‘लेखक से मिलिए’ में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि उनके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उनकी कविता की यात्रा यहीं से शुरू होती है।
बोधि प्रकाशन, जयपुर की दीपक अरोड़ा स्मृति पांडुलिपि प्रकाशन योजना-2018 में चयनित-प्रकाशित पुस्तक ‘तीसरी कविता की अनुमति नहीं’ से चर्चा में आई कवयित्री सुदर्शन शर्मा ने इस मौके पर अपनी अनेक मर्मस्पर्शी कविताएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी कविता-वे सुनती रहीं कि/पाप करोगी तो लुगाई की जूण मिलेगी अगली बार/और अपनी ही देह से प्रेम और घृणा करती रहीं/एक समय में/वे हमारी पूर्वजा थीं/उन्होंने गाली की तरह सुना त्रिया चरित्र का समास भेद/और हमें विरासत में दी स्वयं के प्रति एक संदिग्ध दृष्टि ने खूब वाहवाही लूटी। सवाल-जवाब के सत्र में विजय गोयल, योगराज भाटिया एवं अरुण शर्मा ने सुदर्शन शर्मा से सवाल किए, जिनका उन्होंने सहजता से जवाब दिया।इस मौके पर सुदर्शन शर्मा को शॉल ओढ़ाकर, पुस्तक और सम्मान प्रतीक भेंट करके सृजन साहित्य सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के जिलाध्यक्ष विमल बिहाणी ने कहा कि साहित्य, कला और संस्कृति से ही किसी शहर  की वास्तविक पहचान बनती है। पिछले कुछ समय से श्रीगंगानगर शहर ने इस क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान कायम की है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी एवं गीतकार अमरेंद्रसिंह शिल्पी ने कहा कि सुुदर्शन शर्मा की कविताओं से स्त्री स्वर की गूंज सुनाई देती है और यह गूंज बहुत दूर तक जाएगी। इस मौके पर शिल्पी ने एक पंजाबी गीत भी सुनाया। इससे पहले सचिव कृष्णकुमार आशु ने अतिथियों का परिचय दिया। मंच संचालन अध्यक्ष डॉ. अरुण शहैरिया ताइर ने किया। कार्यक्रम में संदेश त्यागी, बनवारीलाल शर्मा, डॉ. आशुतोष शर्मा, सुरेशकुमार कनवाडिय़ा, बनवारीलाल वर्मा, डॉ. ओपी वैश्य, अरुण खामख्वाह, मीनाक्षी आहुजा, नवज्योत भनोत, कर्नल पंकजसिंह, सुरेंद्र सुंदरम, सुषमा गुप्ता, बीना जेसानी, आशाराम भार्गव, रोशनलाल धवन, आकाश अरोड़ा, मनीराम सेतिया, विनोद गुप्ता, ममता आहुजा एवं हरविंद्रसिंह मौजूद थे।