कोटा-हंसपाल यादव।
कोटा शहर में नवनिर्मित घोड़े वाले बाबा चौराहा व पॉलिटेक्निक चौराहे को तोड़कर उसकी डिजाइन बदलने के आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया को दिए मंत्री धारीवाल के निर्देश पर पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने घोर आपत्ति दर्ज कराई है। प्रहलाद गुंजल ने कहा कि मैं शुरू से ही कह रहा हूं की अनियोजित विकास की भेंट कोटा शहर को चढ़ाया जा रहा है। बड़े-बड़े चौराहों के नाम पर भूलभुलैया बनाई जा रही है। पूरे शहर को जाम में झोंक कर कई जगह एक्सीडेंटल जोन तैयार कर दिए गए हैं। शहर के आम आदमी से लेकर व्यापारी इस अनियोजित विकास का शिकार हो रहा है पर अब देर सवेर सरकार के संज्ञान में यह बात आ रही है। 
गुंजल ने कहा कि चौराहों को तोड़कर उनकी डिजाइन बदली जाए उससे पहले शहर में हो रहे अनियोजित विकास कार्यों की डिजाइन बनाने वाले की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। जनता का धन किसी की बपौती नहीं है की स्मार्ट सिटी व यूआईटी का पैसा पहले अनियोजित विकास की भेंट चढ़ा दो फिर संशोधित करने के नाम पर और उसकी होली कर दो। उन्होंने कहा कि पहले गलत डिजाइन बनाने वालों सहित जिम्मेदार लोगों की जिम्मेदारी तय करो की किसकी गलत डिजाइन के कारण पैसों का गलत इस्तेमाल हुआ उसके खिलाफ कार्रवाई हो उसके बाद ही सरकार इन्हें तोडकर के दोबारा पैसा खर्च करने की योजना बनाये।उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी व यूआईटी का पैसा किसी की बपौती नहीं है जो पहले करोड़ों रुपए बहा दो फिर तोड़ने के नाम पर और करोड़ों रुपए लगा दो।गुंजल ने कहा कि ऐसा ही पूरे शहर के डिवाइडरो पर हो रहा है जहा छह छह महीने, साल साल भर पहले काम हुआ उन्हें तोड़कर दोबारा बनाया जा रहा है। जिनका डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड भी अभी खत्म नहीं हुआ पर उन्हें तोड़कर दोबारा जनता के धन को बर्बाद किया जा रहा है। साथ ही गुंजल ने मंत्री पर कमीशन खोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि घरों में एसीपी शीट नहीं लगती, फ्लाईओवर के नीचे चार दिनों के लिए एसीपी शीट लगाकर क्या दिखाना चाह रहे हो। किस किस कंपनी से कितना कितना कमीशन तय हुआ है यह भी शहर को बता दो। गुंजल ने कहा कि ये दो चौराहे ही नहीं आने वाले दिनों में शहर में हुए सभी कामों की गलत डिजाइन का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने शहरवासियों से अपील करते हुए कहा कि बहुत हो गया अब इस भ्रष्टाचार व अनियोजित विकास की भेंट चढ़ने जा रहे शहर को बचाने व मंत्री की मनमानी के खिलाफ उठकर खड़े होना होगा।