जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर के दौरे पर हैं। लगातार कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। सरकार की योजनाओं के बारे में बता रहे हैं। लेकिन शहर के विकास कार्यों का शिलान्यास समारोह में उन्होंने विकास कार्यों और पट्टा वितरण के मामले में नाराजगी जताई। उन्होंने यहां तक कह दिया कि जिस अधिकारी को यहां रहना है उन्हे सड़के ठीक करनी होगी।उन्होंने कहा कि अधिकारियों को कम से कम यह सोचना चाहिए की वे मुख्यमंत्री के गृह जिले में काम कर रहे हैं। उम्मेद स्टेडियम में आयोजित शहरी विकास कार्य के शिलान्यास समारोह में उन्होंने प्रभारी मंत्री डा सुभाष गर्ग से कहा कि ऐसे अधिकारियों की पहचान करें। उनकी क्लास लें। गहलोत यहीं नहीं रुके, उन्होंने सरकार के पट्टा देने के अभियान में हो रही देरी पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा की कर्मचारी पट्टा देने में आनाकानी कर रहे हैं। हमने नियम बदल दिए। जोधपुर में काम कर रहे कर्मचारियों को तो सोचना चाहिए उनके ट्रांसफर नहीं हो रहे हैं। वो यहीं के रहने वाले हैं। उनको तो आगे बढ़ कर गरीबों के लिए काम करना चाहिए। पट्टा देने में आनाकानी करने से मुझे अफसोस हो रहा है, अच्छी तनख्वाह मिलती है। रही सही कसर मैने पूरी कर दी पुरानी पेंशन बहाल कर दी। हम कर्मचारियों की चिंता करते है तो उनको भी सोचना चाहिए और अच्छी गवर्नेंस देनी चाहिए। क्योंकि जनता का सीधा कर्मचारियों से पाला पड़ता है। 10 में से 5 का काम करना ही काम नही है। सचिवालय में रात नौ बजे तक काम होता है। उन्होंने कहा कि सेवा करने का मौका मिला है, इसका उपयोग करें। गहलोत ने कहा कि हम चाहते हैं कि 10 लाख पट्टे देने का काम तेजी से पूरा हो।