एक सितंबर से प्रदेश में स्कूल-कॉलेज व कोचिंग खुलेंगे। सीकर के कोचिंग संस्थान कोविड एसओपी के साथ पूरी तरह तैयार हैं। कोचिंग संस्थाओं के 100 फीसदी स्टाफ को वैक्सीन लग चुकी है। संक्रमण से सुरक्षा के लिए कई नवाचार किए गए हैं। स्टाफ की हाजरी थंब स्कैनिंग की बजाय फेस रीडिंग से होगी। स्टूडेंट्स को कार्ड स्कैनिंग से प्रवेश मिलेगा। क्लास रूम में क्षमता के 50 फीसदी ही स्टूडेंट्स बिठाए जाएंगे। सामूहिक भोजन की बजाय होस्टल रूम में खाना भेजा जाएगा। ऑटोमेटिक सेनेटाइजर मशीनें भी लगाई गई हैं।

कोचिंग स्टाफ कोविड एसओपी की पालना में जुटा रहा। क्लास रूम में सोशल डिस्टेंस के लिए क्रॉस मार्क व यलो पट्टी लगाई जा रही थी। हर स्टूडेंट्स को फिक्स सीट अलॉट करने की व्यवस्था की गई। कोचिंग संस्थाओं में स्टाफ मेन गेट पर ऑटोमेटिक सेनेटाइजर मशीन लगाते हुए नजर आया। सोमवार को कोचिंग संस्थाओं में स्टूडेंट्स और अभिभावक कोर्स सहित अन्य जानकारी लेते नजर आए।

प्रमुख संस्थानों में प्रवेश के लिए अतिरिक्त काउंटर लगाए गए। ताकि सोशल डिस्टेंस बना रहे। स्टूडेंट्स की थर्मल गन से जांच के लिए ड्यूटी तय की गई। कोचिंग संस्थान खुलने से शहर में करीब 50 हजार स्टूडेंट्स की ऑफलाइन पढ़ाई का दौर फिर शुरू हो जाएगा। इससे पिपराली व नवलगढ़ रोड पर पांच हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। एजुकेशन हब के तौर पर पहचान बनाने वाले सीकर में मेडिकल-इंजीनियरिंग व विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग संस्थाओं के तौर पर अहम स्थान है।

काेराेना : पहली लहर में 310 दिन व दूसरी में चार महीने बंद रहे शिक्षण संस्थान कल से खुलेंगे

कोरोना की पहली लहर में 14 मार्च 2020 को स्कूल, कोचिंग, कॉलेज बंद कर दिए गए थे। जो 17 जनवरी 2021 तक बंद रहे। दूसरी लहर की दस्तक के बाद अप्रेल में ही स्कूल-काेचिंग संस्थानाें काे बंद कर दिया गया था। अब एक सिंतबर से नए सिरे से शिक्षण संस्थान एवं काेचिंग संस्थानाें काे खाेलने के लिए सरकार ने अनुमति दी है।

50 हजार से ज्यादा छात्राें से हर माह हाेगी 10 कराेड़ की इनकम

शहर के काेचिंग संस्थानाें में फिलहाल जेईई, नीट, पटवारी, अारएएस सहित एक दर्जन से ज्यादा प्रतियाेगी परीक्षाअाें की तैयारी के लिए 50 हजार से ज्यादा छात्राें का अावागमन हाेने लगेगा। इससे शहर में एक बार फिर प्रतिमाह स्टेशनरी, टिफिन सेंटर, सेलून, केंटीन, बुक डिपाे, किराना, सब्जी, दूध डेयरी अादि से प्रतिदिन 30 लाख से ज्यादा इनकम हाेने की संभावना जताई जा रही है। यानी प्रतिमाह अाैसतन शहर में छात्राें के माध्यम से करीब 10 कराेड़ का काराेबार बढ़ेगा।

5000 से ज्यादा लाेगाें काे मिलेगा राेजगार
काेचिंग एवं शिक्षण संस्थाओं के खुलने से सीकर शहर में इनकम के स्राेत बढ़ने के साथ ही राेजगार के नए अवसर मिलेंगे। क्याेंकि स्टेशनरी, टिफिन सेंटर, सेलून, केंटीन, बुक डिपाे, किराना, सब्जी, दूध डेयरी अादि की दुकानाें पर बिक्री बढ़ेगी। जिससे करीब 3000 लाेगाें के लिए राेजगार के अवसर भी खुलेंगे। वहीं शिक्षण संस्थानाें में शिक्षक एवं अन्य स्टाफ के रूप में 2000 से ज्यादा लाेगाें को राेजगार मिलेगा। इसके अलावा भी कई लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

काेचिंग के लिए राज्य सरकार ने लागू की है ये गाइड लाइन

  • पेन, कॉपी व पेंसिल आदि एक्सचेंज नहीं कर सकेंगे।
  • लंच, पानी और अन्य सामान शेयर नहीं कर सकेंगे।
  • निर्धारित की गई सीट पर ही छात्र काे बैठने की अनुमति रहेगी।
  • प्रवेश और निकास द्वार पर गाइड लाइन की पालना के लिए कर्मचारियाें की ड्यूटी रहेगी।
  • छात्रों के बीच में दो गज की दूरी के लिए व्यवस्थाएं की गई है।
  • एक टेबल पर तीन स्टूडेंट्स ही बैठेंगे बीच की सीट खाली रहेगी।
  • विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावकाें काे मास्क लगाने पर ही प्रवेश दिया जाएगा।
  • छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी के बार-बार बाहर या घर जाने पर भी रोक रहेगी।
  • परिसर को नियमित रूप से सेनेटाइज की व्यवस्था की गई है।
  • बार-बार छुए जाने वाले उपकरणों, क्लासरूम, दरवाजे के हैंडिल आदि को नियमित सेनेटाइज किया जाएगा।
  • क्लास रूम के बाहर डस्टबिन लगाया गया है।
  • अतिरिक्त मास्क की व्यवस्था की गई है जिससे जरूरत होने पर विद्यार्थी को उपलब्ध करवाए जा सकें।
  • प्रेक्टिकल करते समय भी सामाजिक दूरी की पालना जरूरी।
  • छात्र व स्टाफ के अस्वस्थ हाेने पर आइसोलेट की व्यवस्था की गई है।

स्टूडेंट्स को भी रखनी होगी पूरी सावधानी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोचिंग संस्थाओं ने भले ही कोविड प्रोटोकॉल को लेकर पूरी तैयारी कर ली है, लेकिन फिर भी स्टूडेंट्स को अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना हाेगा। उन्हें मास्क को हर समय का साथी बनाना होगा। इसके अलावा भीड़ में जाने से बचना होगा। तबियत खराब होने पर फौरन कोचिंग स्टाफ या पेरेंट्स को बताना महत्वपूर्ण होगा।