चित्तौड़गढ़ - गोपाल चतुर्वेदी। 

केंद्र और राज्य सरकार अंतिम छोर तक प्रत्येक व्यक्ति के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करने के लिए कई योजनाएं चल रही है जिससे कि निरोगी भारत और निरोगी राजस्थान का सपना साकार हो सके। प्रदेश में सरकार की ओर से निशुल्क दवा योजना, निशुल्क जांच संचालित करने के साथ 25 लाख तक का उपचार निशुल्क करवाया जा रहा है। इन योजनाओं से आमजन काफी राहत महसूस भी कर रहा है। लेकिन चित्तौड़गढ़ के सबसे बड़े जिला राजकीय श्री सांवलिया जी चिकित्सालय में पीपीपी मॉड पर संचालित हो रही हीमो डायलिसिस यूनिट चिकित्सालय प्रशासन और ठेका कंपनी एस्केग संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड के बीच चल रहे बकाया भुगतान को लेकर अखाड़े का शिकार हो रही है। जिसके चलते ठेका कंपनी ने चिकित्सालय प्रशासन की ओर से विगत पांच महीनों के करीब 30 लख रुपए की राशि का भुगतान नहीं होने के चलते शुक्रवार को डायलिसिस यूनिट बंद करने का निर्णय लिया। इससे यूनिट में प्रतिदिन होने वाली करीब 17 मरीजों की डायलिसिस नहीं हो सकी। इसी लड़ाई में एक व्यक्ति की हालत बिगड़ने के बाद उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके पश्चात परिजनों डायलिसिस करवाने आए मरीजो और उनके परिजनों ने यूनिट में हंगामा कर दिया और चिकित्सालय प्रशासन पर गंभीर आरोप भी लगाए। इसी को देखते हुए चिकित्सालय प्रशासन की ओर से पुलिस जाप्ता भी तैनात किया गया। इसकी सूचना मिलने पर पूर्व यूआईटी चेयरमैन सुरेश झंवर भी चिकित्सालय पहुंचे और चिकित्सालय प्रशासन के पदाधिकारी और ठेका कंपनी के अधिकारियों से बातचीत की। उन्होने आगामी  7 दिनों तक यूनिट को जारी रखने का आग्रह किया जिससे कि डायलिसिस करवाने के लिए आने वाले मरीजों को असुविधा ना हो l 

इसके बारे में जानकारी देते हुए ठेका कंपनी एस्केग संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड के पदाधिकारी ने बताया कि चिकित्सालय प्रशासन कंपनी का पिछले 6 महीने से भुगतान नहीं किया है जो कि करीब 30 लाख से अधिक का बकाया है। इसी के चलते कंपनी की ओर से चिकित्सालय प्रशासन और जिला कलेक्टर को 7 दिन पहले एक लिखित में नोटिस जारी किया गया जिसमें भुगतान करवाने की मांग की गई थी लेकिन समय अवधि बीत जाने के बाद चिकित्सालय प्रशासन की ओर से उनका भुगतान नहीं किया गया। जिसके लिए उन्होंने सीधा-सीधा चिकित्सालय प्रशासन की हठर्मिता को जिम्मेदार बताया। 

पूर्व यूआईटी चेयरमैन सुरेश झंवर ने बताया डायलिसिस यूनिट बंद होने की सूचना मिलने पर वह स्वयं यहां पर पहुंचे हैं और मामले की जानकारी ली है।  जिसमें सामने आया है कि चिकित्सालय प्रशासन ठेका कंपनी को भुगतान नहीं किया है जो कि कहीं ना कहीं लापरवाही दर्शाता है जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। जिसमें एक युवक की मौत हुई है वहीं उन्होंने कहा कि उनकी चिकित्सालय प्रशासन और ठेका कंपनी के अधिकारियों से बात हुई है और आगामी 7 दिनों तक इसको यथा स्थिति चालू रखने के लिए कहा गया है चुनाव की समाप्ति के बाद इस मामले पर संज्ञान लिया जाएगा