चुनाव डेस्क। 

राजस्थान विधानसभा चुनाव के 36 घंटे पहले सीएम अशोक गहलोत ने दैनिक भास्कर को इंटरव्यू देकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय सामने रखी। राजकाज के पाठकों के लिए इस इंटरव्यू को दैनिक भास्कर से साभार उद्धृत कर रहा है।  

प्रश्न : आपके विधायकों के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी है। लोग कह रहे हैं- गहलोत तुझसे बैर नहीं, विधायकों की खैर नहीं। कैसे निपटेंगे?

गहलोत : देखिए, थोड़ा बहुत तो जानबूझकर बीजेपी और आरएसएस ने मिलकर परसेप्शन बना दिया है। कुछ लोग गलत हो सकते हैं पर सब लोग गलती थोड़े कर सकते हैं। ये सभी 40 दिन तक मेरे साथ होटल में थे तो इन्हे हॉर्स ट्रेडिंग में 10 करोड़ की पहली किस्त मिल रही थी। उस समय भी एक विधायक बाहर नहीं निकला। अगर ये करप्ट होते तो ये उसी समय मुझे छोड़ कर चले जाते और हमारी सरकार गिर जाती, लेकिन इन्होंने ऐसा नहीं किया। राजनीति में कई बार परसेप्शन बन जाते हैं। लोग कहते हैं कि मेरी सरकार ने काम बहुत किए हैं तो काम हुए तो विधायकों के मार्फत ही हैं।

प्रश्न : प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने पहले राजेश पायलट और फिर सचिन पायलट के साथ अन्याय किया। सरकार बनती है तो पायलट के लिए कोई बड़ी संभावना होगी?

गहलोत : ये बीजेपी का जुमला है। इसलिए इस पर मैं कोई कमेंट नहीं करना चाहता हूं। जो बात आप बोल रहे हो, इसे बीजेपी ही लेकर आई है। BJP गुर्जर समाज को भड़काने का खेल खेल रही है। इसके लिए ही ये मार्मिक बयान लेकर आए हैं। अब बता दीजिए कि तुम हमारे नेताओं को भड़का रहे हो और दोष हमें दे रहे हो। पंचायती भी करो कांग्रेस की कि किसके साथ अन्याय हुआ है या नहीं हुआ है। मैं प्राइम मिनिस्टर मोदी से पूछना चाहूंगा कि आपने कब से ये कहना शुरू कर दिया? ये सिर्फ गुर्जरों को भड़काने के लिए है, जबकि इतिहास गवाह है कि बीजेपी राज में गुर्जर मारे गए और 5 दिन तक उनकी लाशें पड़ी रहीं। मेरे राज में फायरिंग छोड़ो, हमने लाठीचार्ज भी नहीं होने दिया। वो ही कर्नल बैसला थे, उनके फॉलोवर थे। 4-5 बार आंदोलन किया और पटरियों पर भी बैठे, लेकिन मैंने शान्ति, सद्भाव और प्यार से उन्हें मनाया और उठाया। इन्हें 5 प्रतिशत आरक्षण मैंने दिया है। आज गुर्जर समाज से डॉक्टर, इंजीनियर बन रहे हैं और RAS में आ रहे हैं। जो गुर्जर समझते हैं और समझदार हैं वो मेरी एप्रोच और फैसलों से मिल रहे फायदे को ठीक से जानते हैं।

प्रश्न : लाल डायरी की चर्चा चुनाव के दौरान होती रही? क्यों?

गहलोत : हमेशा से भाजपा की सोच और एप्रोच ऐसी ही रही है, लेकिन अभी छत्तीसगढ़ में जो महादेव ऐप को लेकर जो हुआ है, उसे आप बताइए कि एक व्यक्ति को दूसरे केस में फंसा कर उससे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को 508 करोड़ रुपए देने के बयान लिखवाए। इसका मतलब ये कि चुनाव के चार दिन पहले मुख्यमंत्री बघेल को गिरफ्तार करने की साजिश थी। एक तरफ तो आरोपी के बयानों की ये खबर आ रही है और दूसरी तरफ स्मृति ईरानी इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं। सबसे बड़ी बात ईडी भी बिना किसी तथ्यों और जांच के प्रेस नोट जारी कर रही है। प्रधानमंत्री भी उस ऐप के बारे में बोल रहे हैं। वो बिना किसी तथ्य के सीएम पर आरोप लगा रहे हैं। ये तो उन्हें गिरफ्तार करना चाहते थे।

प्रश्न : लाल डायरी को आप किस आधार पर षड्यंत्र बता रहे हैं?

गहलोत : राजस्थान में भी लाल डायरी का किस्सा है। पहले गृह मंत्रालय के लोग बैठे, फिर डायरी का नाम लाल डायरी रखा गया। इसके बाद हमारे मंत्री को भड़काया गया। षड्यंत्र था कि पहले लाल डायरी की बात लाएं और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस। इसके चार दिन बाद प्राइम मिनिस्टर सीकर आ रहे हैं। अगर ऐसा नहीं था तो सीकर में उन्होंने जब महादेव ऐप के बारे में बोला तो लाल डायरी पर भी बोल देते। अगर प्राइम मिनिस्टर ही इस प्रकार के षड्यंत्र करेंगे तो देश का क्या होगा?

प्रश्न : राजस्थान में भी ईडी ने कई कार्रवाई की, इसे कैसे देखते हैं?

गहलोत : आप देखिए कि एक साल में ऐसे 50 से ज्यादा छापे पड़े हैं। इन्होंने किसी नेता या अधिकारी को गिरफ्तार किया है क्या? या चालान पेश किया है क्या? नहीं किया। खाली जनता में परसेप्शन बनाया है कि हम छापे डाल रहे हैं। पीसीसी प्रेसिडेंट डोटासरा के घर चले गए और 10 घंटे बैठे रहे। कोई पूछताछ नहीं हुई। मेरे बेटे वैभव गहलोत को नोटिस दे दिया, जिससे उसका कोई लेना-देना नहीं है। वो तो झूठी कंप्लेंट थी। एक रुपए का इन्वेस्टमेंट नहीं है।

प्रश्न : इतनी बड़ी जांच एजेंसियों पर आरोप कैसे लगा सकते हैं?

गहलोत : ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई हमारी प्रीमियम एजेंसियां हैं। इनका काम है अपराधियों को पकड़ना। मेहुल चौकसी, नीरव मोदी और माल्या जो विदेशों में बैठे हुए हैं, आज तक आप इनको पकड़ नहीं पाए हैं। इन एजेंसियों को तो सरकार बनाने और गिराने में लगाया हुआ है। किसी एमएलए के खिलाफ पहले मुकदमा बनाओ और फिर वो बीजेपी जॉइन कर ले तो वो वॉशिंग मशीन की तरह साफ हो जाता है।

प्रश्न : कांग्रेस के गांरटी वाले विज्ञापनों पर रोक लगा दी गई?

गहलोत : भाजपा के अभी जो विज्ञापन आ रहे हैं, वो बहुत ही खतरनाक हैं। हमने जो विज्ञापन दिए थे, उनमें कुछ सोच थी। वादे थे और गारंटियां थीं। ये जो विज्ञापन दे रहे हैं, ये किस्से कहानियां हैं। कुछ घटनाएं जो हुईं राजस्थान में। इनके समय में घटित हुआ जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट। इस केस में जो आरोपी छूट गए हैं, उसका भी बहुत मार्मिक विज्ञापन दिया है। इनसे पूछो कि ये घटना और तफ्तीश तो आपके वक्त में हुई है। उसी कारण से तो ये छूटे हैं। हमने तो सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर की है।

प्रश्न : चौथी बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड अब तक राजस्थान में नहीं बना है। क्या नया रिकॉर्ड बनेगा?

गहलोत : ये तो ऊपरवाला जानता है। हम तो हमारा प्रयास कर रहे हैं कि हमारी पार्टी की सरकार बन जाए। बाकी तो हाईकमान तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा?

प्रश्न : मोदी कह रहे हैं कि 'तीसरा' जो भी सीट पर खड़ा हुआ है, वह कांग्रेस की साजिश से खड़ा हुआ है ?

गहलोत : किस चुनाव में निर्दलीय खड़े नहीं हुए हैं। इस बार भी 13 लोग जीतकर आए थे। 1993 में 23 लोग जीतकर आए थे और भैंरोसिंह शेखावत ने तो 5 साल अपनी सरकार ही इन्हीं के बूते चलाई थी।

प्रश्न : आप गुजरात के प्रभारी भी रहे। वहां प्रचार भी किया था। पीएम मोदी ने तब कहा था कि मैं गुजरात का बेटा हूं, लेकिन आपने कोई जवाब नहीं दिया ?

गहलोत : मोदीजी, सहानुभूति के लिए कुछ भी बोल देते हैं। खड़गे साहब दलित समाज के व्यक्ति हैं। जब वो 6 साल के थे, तब उनके पूरे परिवार को जला दिया गया। वो व्यक्ति जो है, आज यहां तक पहुंचा है। उसके लिए आप कह रहे हो कि उन्होंने आपके पिता को गाली दे दी। संदर्भ बदल दिया, ये अच्छी बात नहीं है। जब मैं गुजरात गया था तो वहां भी उन्होंने यही बात की कि 'मारवाड़ी यहां आए हुए हैं, मुझे हराने के लिए आए हैं। भाइयों और बहनों, मैं फिर कहां जाऊंगा। आप गुजराती हो और आप ही मेरा नहीं देखोगे तो मेरा कौन देखेगा?'

सहानुभूति लेकर वहां कामयाब भी हो गए थे। अब यहां तो उल्टा मामला है। अब राजस्थान के लोग मुझे नहीं देखेंगे तो किसे देखेंगे ? मैं कहां जाऊंगा। मेरे लिए भी वही वाली बात है।

प्रश्न : बीजेपी कह रही है कि सरकार आने पर राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमत को लेकर समीक्षा करेंगे ?

गहलोत : समीक्षा तो हम कर रहे हैं उनकी। वो बर्बाद कर रहे हैं देश को। पूरा खजाना लूट रहे हैं। जितना बेसिक एक्साइज ड्यूटी होती है, उसमें राज्यों को बंटवारा होता है। जिसे इन्होंने बहुत कम कर दिया है। एडिशनल एक्साइज ड्यूटी लगा दी। स्पेशल एक्साइज ड्यूटी लगा दी और एक तीसरा सरचार्ज लगा दिया। इनमें बंटवारे का प्रावधान और नियम नहीं है। ये समझने की आवश्यकता है कि पूरा पैसा उनके खजाने में जा रहा है। जो बेसिक एक्साइज ड्यूटी से बंटवारा होता था, वो रुक गया है। राज्यों में पैसा जा नहीं रहा है तो राज्यों पर दबाव आ गया है। जहां तक राजस्थान की बात है तो हमारा टैक्स मध्य प्रदेश से कम है। वहां बीजेपी की सरकार है। पेट्रोल-डीजल के दाम भी उनसे कम है। वहीं राजस्थान में चाहे किसी की सरकार रही हो हमेशा हरियाणा-पंजाब से ज्यादा ही पेट्रोल-डीजल के दाम रहे हैं। बीजेपी अपने टाइम में क्यों कम नहीं कर पाई ?

प्रश्न : बीजेपी का कहना है कि पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ने का कारण कांग्रेस है। आपकी सरकार आती है तो इसे कम करने के लिए कोई प्लान है?

गहलोत : पिछली बार केंद्र सरकार ने बाद में रेट कम किए थे, लेकिन हमने पहले ही इसे कम कर दिया था। कुल साढ़े सात हजार करोड़ रुपए का टैक्स हमने कम किया था। क्योंकि केंद्र सरकार एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और स्पेशल एक्साइज ड्यूटी लगातार बढ़ाती जा रही है तो उसी कारण से कीमत बढ़ी हुई रहती है। जब यूपीए सरकार में कीमत बढ़ी थी तो वो अंतराष्ट्रीय कीमतों के बढ़ने से हुआ था। ये चाहते तो जब अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी हुई तो ये पेट्रोल-डीजल 40-50 रुपए में दे सकते थे।

प्रश्न : मतदान में कुछ घंटे बचे हैं। इस बार राजस्थान में राज बदलेगा या रिवाज?

गहलोत : इस बार सरकार रिपीट होगी। केरल में 70 साल बाद सरकार रिपीट हुई है। इससे पहले वहां एक बार कांग्रेस और एक बार कम्युनिस्ट की गठबंधन सरकार बनती रही है। ये इसलिए क्योंकि कोरोनाकाल में वहां बहुत बढ़िया काम हुए थे। राजस्थान ने तो इसमें इतिहास बनाया था। भीलवाड़ा मॉडल शानदार एग्जांपल बना। इसके अलावा हम जनता से जुड़ी स्कीम्स लेकर आए। कानून बनाए। हमने चिरंजीवी योजना में बीमा राशि बढ़ाई। राइट टू हेल्थ एक्ट बनाया। किसानों की जमीन कुर्क न हो, इसके लिए कानून बनाया। महंगाई राहत शिविरों के माध्यम से राहत की गारंटियां दी हैं। ऐसे में इस बार मुझे जनता का मन लग रहा है। वैसे भी जनता माई-बाप होती है और वही तय करती है। जनता इस बार हमारी सरकार को रिपीट करेगी।

प्रश्न : कई बार ये बात होती है कि केंद्र में मोदी और राजस्थान में गहलोत। इस बार डबल इंजन सरकार की बात हो रही है? आप कैसे देखते हैं ?

गहलोत : ये तो जनता के ऊपर है कि वो किसको कहां पसंद करती है। इतना मैं कह सकता हूं कि बीजेपी ने जो कैंपेन चलाया…मुझ पर, मेरे परिवार पर और पीसीसी अध्यक्ष पर ED का छापा…उसे पब्लिक पसंद नहीं कर रही। वो कहते हैं आप बटन दबाओ तो ऐसे कि जैसे इन्हें फांसी दे रहे हो। ये लेंग्वेज है? मैं मानता हूं कि ये लोग हमारी सरकार गिरा नहीं पाए, फेल हो गए। इसके चलते इनके मन में दर्द है कि उस समय तो कामयाब नहीं हुए, लेकिन अब BJP सरकार बनाकर दिखा दे। यही वजह है कि 5-5 मुख्यमंत्री, 10-10 केंद्रीय मंत्री, गृहमंत्री और प्रधानमंत्री सब मिलकर यहां हम पर धावा बोल रहे हैं।