जयुपर ब्यूरो रिपोर्ट। 

"सोना कितना सोहणा है" यह कोई आम जनता से पूछे जो आने वाले शादी के सीजन से पहले सोने के भावों को देखकर सहमी हुई है और जस तस अपने बेटे-बेटियों की शादी को मैनेज कर रही है। लेकिन इसके उलट, बाजार में चाहे सोने के कुछ भी भाव हों पर चुनाव लड़ने वाले नेताओं की अपनी सोने की मंडी हैं जहां उनके अपने रेट चलते हैं। 

सोना लगातार महंगा होकर आम आदमी की पहुंच से दूर हो रहा है, वहीं नेताओं के लिए यह बहुत सस्ता है। चुनाव में नामांकन के दौरान प्रत्याशियों ने ऐसी ही जानकारी दी है। उन्होंने सोने की खरीद के समय के भाव को अपने एफिडेविट में लिखा है।

आमेर से भाजपा प्रत्याशी और उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने 12 तोला सोना 3 लाख का बताया है। जबकि बाजार की कीमत के हिसाब से देखें तो उनका सोना 7.20 लाख का होता है।

पूनिया की पत्नी के पास 30 तोला सोना और जेवर 7.5 लाख के बताएं हैं। 5 किलो चांदी ढाई लाख की बताई है। असल कीमत 18 लाख से ज्यादा है, जबकि चांदी 3.75 लाख की है।

वहीं, कांग्रेस के लक्ष्मणगढ़ से प्रत्याशी गोविन्द सिंह डोटासरा ने पत्नी के पास 6 तोला सोना 1.70 लाख का बताया है। जिसकी असल कीमत 3.60 लाख है।

किसका सोना कितने का

सीएम सलाहकार व दूदू प्रत्याशी बाबूलाल नागर ने अपने 100 तोले से ज्यादा सोने की कीमत महज 7.85 लाख दिखाई है। यानी, उनके सोने का भाव सिर्फ 7850 रुपए प्रति तोला है।

जबकि आज के भाव से यह सोना 60 से 65 लाख के भाव का होता। नागर की 3 किलो चांदी भी सिर्फ 50 हजार रुपए की है। यानी, सिर्फ 16,666 रुपए किलो।

जबकि बाजार में चांदी का भाव 70 हजार रुपए किलो है। ऐसे ही भीलवाड़ा विधायक विठ्ठल शंकर अवस्थी ने 25 तोला सोना सिर्फ 2 लाख का बताया है। इसका मतलब उनका सोना 800 रुपए तोला है। जबकि 60 हजार के भाव से देखें तो अवस्थी के सोने की कीमत 15 लाख से ज्यादा है।

इनका सोना खरा

बीकानेर ईस्ट से बीजेपी प्रत्याशी सिद्धि कुमारी ने सोने और जेवरात की कीमत अपने नॉमिनेशन के दिन चल रहे बाजार भाव के हिसाब से बताई है। उन्होंने लिखा है कि उस तारीख को सोने और चांदी की कीमत क्या थी।

ऐसे ही निम्बाहेड़ा से भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी और बीकानेर वेस्ट से कांग्रेस प्रत्याशी बीडी कल्ला ने भी ऐसा ही किया है।

बाड़मेर से कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जैन ने सोने की सबसे ऊंची कीमत बताई है। उन्होंने 70 हजार रुपए प्रति तोले के हिसाब से जेवरातों की कीमत बता दी जो वर्तमान मूल्य से भी अधिक है।

सोना-चांदी की वर्तमान में चल रही वैल्यू ही लिखनी होती है। ताकि वोटर को प्रत्याशी की असल संपत्ति के बारे में मालूम चल सके। सोने-चांदी की मात्रा से भी संपत्ति के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि, वेल्युएशन के लिए ऐसी कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है।

अशोक जैन, पूर्व उप सचिव, निर्वाचन आयोग