चुनाव डेस्क।  

राजस्थान में 199 सीटों में से 117 सीटों पर पिछले चुनाव की तुलना में वोटिंग प्रतिशत में बड़ा इजाफा हुआ है। 72 सीटें ऐसी हैं जहां पिछली बार की तुलना में कम वोटिंग हुई है। बढ़े हुए वोटिंग पैटर्न को बदलाव का प्रतीक माना जाता है। अगर पुराने ट्रेंड को आधार माना जाए तो यह सत्ता में बदलाव का संकेत माना जा सकता है।

199 सीटों के वोटिंग पैटर्न की 2018 से तुलना करने पर कई रोचक सियासी फैक्ट सामने आए हैं। जिन सीटों पर बड़े नेताओं के बीच मुकाबला है, वहां पर वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है। कड़े मुकाबले वाली और ध्रुवीकरण वाली सीटों पर वोटिंग बढ़ी है। कड़े मुकाबले वाली तारानगर, लक्ष्मणगढ़, शिव, तिजारा,बसेड़ी, सवाई माधोपुर, हवामहल, मांडल, खंडेला जैसी अनेक सीटों पर पिछली बार से ज्यादा वोटिंग हुई है। कांग्रेस के 52 विधायकों की सीटों पर वोटिंग बढ़ी है जबकि 46 सीटों पर घटी है। कांग्रेस के विधायकों की 55% सीटों पर वोटिंग बढ़ी है। जहां बीजेपी के विधायक चुनाव लड़ रहे हैं उन 67% सीटों पर वोटिंग गिरी है।

सीएम अशोक गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां की सीटों पर पिछली बार की तुलना में वोटिंग प्रतिशत गिरा है।
सीएम अशोक गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां की सीटों पर पिछली बार की तुलना में वोटिंग प्रतिशत गिरा है।

गहलोत, वसुंधरा राजे, सतीश पूनिया की सीटों पर वोटिंग घटी
सीएम अशोक गहलोत की सीट सरदारपुरा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सीट झालरापाटन और पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की सीट आमेर पर पिछली बार की तुलना में वोटिंग प्रतिशत गिरा है। सीएम अशोक गहलोत की सीट सरदारपुरा पर पिछली बार की तुलना में 0.54% की कमी आई है। गहलोत की सीट पर 2018 में 66.22% वोटिंग हुई थी जबकि इस बार यह घटकर 65.68% रह गई है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सीट झालरापाटन पर इस बार 77.67 प्रतिशत वोटिंग हुई है जो कि पिछली बार 77.93% की तुलना में 0.26% कम है। पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की आमेर सीट पर पिछली बार की तुलना में 2.73% वोट कम पड़े हैं। पिछली बार आमेर में 80.29% वोटिंग हुई थी जबकि इस बार केवल 77.56% वोटिंग हुई है

तारानगर सीट पर पिछली बार से 7.65 फीसदी, बसेड़ी में 9.60 ज्यादा वोटिंग
धौलपुर जिले की बसेड़ी सीट पर पिछली बार की तुलना में 9.60 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग हुई है। चूरू की तारानगर सीट जहां पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और कांग्रेस विधायक नरेंद्र बुडानिया के बीच मुकाबला है वहां 7.65 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग हुई है। बसेड़ी में सचिन पायलट समर्थक विधायक खिलाड़ीलाल बैरवा बागी होकर लड़े हैं, कांग्रेस ने संजय जाटव को टिकट दिया था, यहां कड़ा मुकाबला है।

12 सीटों पर पिछली बार की तुलना में 4 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग बढ़ी
12 सीटें ऐसी हैं जहां पर 2018 की तुलना में इस बार 4 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग में इजाफा हुआ है। इनमें आसपुर में 7.01, गंगापुर में 5.79, धौलपुर में 5.54%, किशनपोल में 5.09%, पीपलदा 4.51%, राजाखेड़ा में 4.34%, चौरासी में 4.30%, मांडल में 4.27%, खंडेला में 4.08%, तिजारा में 4.03% का इजाफा हुआ है।

11 सीटों पर 3 से 4 प्रतिशत के बीच ज्यादा वोटिंग
नगर, हवामहल, मालपुरा, अजमेर उत्तर, भीम, शिव, सपोटरा, नोहर, देवली-उनियारा।

राजेंद्र राठौड़ की तारानगर सीट पर 7 फीसदी और खिलाड़ी लाल बैरवा की बसेड़ी सीट पर 9.60 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग हुई है।
राजेंद्र राठौड़ की तारानगर सीट पर 7 फीसदी और खिलाड़ी लाल बैरवा की बसेड़ी सीट पर 9.60 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग हुई है।

22 सीटों पर पिछली बार से 2% से लेकर 2.99% तक बढ़ोतरी
ब्यावर, नाथद्वारा, विद्याधर नगर, सागवाड़ा, केकड़ी, सूरसागर, फुलेरा, लक्ष्मणगढ़, धरियावद, भादरा, सलूंबर, सवाई माधोपुर, सोजत, करौली, कोटा दक्षिण, डूंगरपुर, विराटनगर, किशनगढ़, नवलगढ़, कुशलगढ़, हिंडोली।


34 सीटों पर 1 से 1.99 तक वोटिंग प्रतिशत बढ़ा

डीडवाना, केशोरायपाटन, बाली, दूदू, खेरवाड़ा, आसींद, लाडनूं, दांतारामगढ़, नावां, वैर, प्रतापगढ़, मुंडावर, जोधपुर, जालोर, अटरू, आदर्श नगर, मालवीय नगर, सांगोद, खानपुर, नदबई, सांगानेर, पचपदरा, बूंदी, खंडार, मसूदा ,उदयपुर ग्रामीण, झुंझुनूं, पिंडवाड़ा आबू, छबड़ा , बाड़मेर, शाहपुरा।

42 सीटों पर एक प्रतिशत से कम वोटिंग बढ़ी
खाजूवाला, सिविल लाइंस , सहारा , मांडलगढ़, किशनगढ़वास, मारवाड़ जंक्शन, जहाजपुर, बामनवास, परबतसर, कठूमर , मंडावा, लालसोट, कुंभलगढ़, रानीवाड़ा, बायतु, सीकर, सुमेरपुर, शाहपुरा, गोगुंदा, वल्लभनगर , बागीदौरा , अंता, ,लाडपुरा, सरदारशहर, डग ,उदयपुर , घाटोल, बेगूं, कोटा उत्तर, पोकरण, ओसियां , लूणकरणसर, सिरोही, रामगंजमंडी, बीकानेर पश्चिम, सांचौर, डीग कुम्हेर, निंबाहेड़ा, चित्तौड़गढ़, पुष्कर, खेतड़ी भीलवाड़ा।

72 सीटों पर पिछली बार की तुलना में कम वोट
हिंडौन और फलोदी में पिछली बार की तुलना में सबसे ज्यादा कम वोटिंग का अंतर है। पिछली बार की तुलना में फलोदी में 7.15 प्रतिशत और हिंडौन में 6.10 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है। फलोदी में पिछली बार 75.92% वोटिंग हुई थी, जबकि इस बार केवल 68.77% हुई है। हिंडौन में पिछली बार 73.42% वोटिंग हुई थी, इस बार केवल 67.32% हुई।

तीन सीटों पर 4 से 5 फीसदी कमी
बानसूर,दौसा और जैसलमेर में पिछली बार की तुलना में चार प्रतिशत से ज्यादा वोट प्रतिशत में गिरावट आई है। बानसूर में 4.11%,दौसा में 4.21% और जैसलमेर में 4.79% की कमी आई है।

32 सीटों पर 1 फीसदी से कम के अंतराल पर गिरावट
उदयपुरवाटी, बांसवाड़ा, कोटपूतली, गढ़ी, चौहटन, कोलायत,चौमूं, झालरापाटन, भरतपुर, बड़ी सादड़ी, आहोर, बगरू, पाली, नीमकाथाना, बयाना, पिलानी, बहरोड़, झोटवाड़ा, बीकानेर पूर्व, भीनमाल, सरदारपुरा, चूरू, अजमेर दक्षिण, मावली, झाड़ोल, मनोहर थाना, डेगाना, टोडाभीम, निवाई, राजसमंद, अलवर शहर, बाड़ी।

19 सीटों पर 1 से 1.99 प्रतिशत की कमी
मेड़ता, जैतारण, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, सिवाना, रेवदर, नसीराबाद, जायल, सुजानगढ़, गंगानगर, सिकराय, चाकसू, लोहावट, रतनगढ़, पीलीबंगा, रामगढ़, जमवारामगढ़, खींवसर, डूंगरगढ़, महवा।

17 सीटों पर 2 प्रतिशत से से 2.99 प्रतिशत की कमी
गुड़ामालानी, बस्सी, मकराना, सादुलपुर, टोंक, बिलाड़ा, सूरतगढ़, नोखा, भोपालगढ़, हनुमानगढ़, थानागाजी, रायसिंहनगर, श्रीमाधोपुर, आमेर, कपासन, सादुलशहर, धोद।

8 सीटों पर 3 से 4 प्रतिशत की कमी
संगरिया, लूणी, अनूपगढ़, फतेहपुर, नागौर, कामां, सूरजगढ़, शेरगढ़।



(दैनिक भास्कर से साभार)