हनुमानगढ़ - विश्वाश कुमार 

भारत में लाखों स्टूडेंट्स सॉफ्ट स्किल्स की कमी की वजह से बेहतर जॉब से वंचित हो रहे हैं और ये स्थिति दिनों-दिन और चिंताजनक होती जा रही है। काफी संख्या में डिग्री होल्डर्स हरेक वर्ष बेरोजगारों की कतारें बढ़ा रहे हैं। ये कहना है स्किल लर्निंग एंड ट्रेनिंग एजेंसी डेजाव्यू की चीफ ट्रेनर दिव्या जिंदल का। वे आज श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की ओर से बर्कलेज ग्लोबल यूथ एम्प्लॉयबिलिटी इनिशिएटिव और इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज (आइएएचवी) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित लाइफ एंड सॉफ्ट स्किल्स मेंटरिंग विषयक वर्कशॉप को संबोधित कर रही थीं। 

उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारत में यंग पॉपुलेशन सर्वाधिक है लेकिन इसी स्किल गैप के कारण हमारा यंग ह्यूमन रिसोर्स का भरपूर उपयोग नहीं हो पा रहा है। उन्होंने एक रिसर्च का हवाला देते हुए बताया कि देश के सोलह हज़ार पांच सौ से अधिक कॉलेज से संबद्ध करीब एक करोड़ स्टूडेंट्स सर्विस सेक्टर की बढ़ती मांग को सिर्फ इसलिए पूरी नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि वे सॉफ्ट स्किल्स में बहुत पिछड़े हुए हैं। कार्यक्रम में बायोडाटा और रिज्यूम में अंतर, इंटरव्यू के दौरान कैंडिडेट किस तरह से स्ट्रेस दूर करे, चेक लिस्ट, ड्रेसिंग सेंस, कंपनी की हिस्ट्री और प्रोफाइल को जानना, कॉमन आंसर की तैयारी, जॉब डिस्क्रिप्शन, मैनर्स, शिष्टाचार के बारे में विस्तार से बताया गया। सॉफ्ट स्किल मास्टर ट्रेनर जिंदल ने कहा कि इंटरव्यू कोई एक तरफा प्रक्रिया नहीं है इसमें कोई सवाल नहीं समझ नहीं आए, तो पूछना चाहिए। एम्प्लॉयर को यह लगना चाहिए कि आप जॉब के लिए गंभीर हैं इसलिए पॉजिटिव रेस्पोंड करें, आई कॉन्टैक्ट रखें, मिरर प्रैक्टिस करें कॉमन सवालों के बारे में और हमेशा स्ट्रेंथ बताएं लेकिन वीकनेस नहीं।जिंदल ने कहा कि कैंडिडेट को हमेशा अपना इंटरेस्ट शो करना चाहिए। अभ्यर्थी को किसी सवाल के जवाब में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। इस अवसर पर बढ़ते साइबर क्राइम के बारे में भी जागरूक किया गया। कार्यक्रम में एसकेडी यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन दिनेश कुमार जुनेजा ने इफेक्टिव कम्युनिकेशन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ऐसे वर्कशॉप निरंतर आयोजित किये जायेंगे। संचालन कन्वीनर, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल डॉ. संजय मिश्रा और आभार प्रदर्शन डॉ. स्वाति ओझा ने किया।