जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
कैबिनेट मंत्री महेश जोशी की मुश्किलें बढ़ गई है। गढ़ गणेश में रोप-वे का शिलान्यास करने के मामले में आयोग ने जोशी नोटिस थमाया है। हवामहल विधानसभा क्षेत्र के रिर्टर्निंग अधिकारी की ओर से जारी नोटिस में जोशी से कार्यक्रम में शामिल होने का कारण पूछते हुए जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। रिर्टनिंग अधिकारी की ओर से जारी आदेश में बताया कि आदर्श आचार संहिता लगने के बाद प्रदेश में धारा 144 लागू हो चुकी है।
इस दौरान किसी भी राजनैतिक दल से संबंध रखने वाले राजनेता, मौजूदा विधायक, मंत्री को किसी भी सरकारी, अर्द्धसरकारी, राज्य व केन्द्र सरकार के अनुदान सहायता प्राप्त या अनुबंधित संस्था के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने, उद्घाटन, शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होना, मंच का उपयोग करने पर रोक है। ऐसा करने वाले व्यक्ति निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आता है।
कंपनी ने बोला, विज्ञापन हमने नहीं करवाया प्रकाशित
आयोग ने जो मंत्री को नोटिस जारी किया है। उसमें बताया कि इस मामले में जब कंपनी को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा तो कंपनी ने बताया कि कार्यक्रम शामिल होने के लिए मंत्री को निमंत्रण तो दिया गया, लेकिन समाचार पत्र में विज्ञापन कंपनी की ओर से नहीं प्रकाशित करवाया गया। वहीं, समाचार पत्र में जो विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। उसमें आपका फोटो, नाम, पदनाम छपा है।
क्या है मामला
दरअसल, गुरुवार सुबह 11 बजे नहर के गणेश मंदिर के पास रोप-वे के शिलान्यास का कार्यक्रम था। इसकी सूचना विज्ञापन के माध्यम से न्यूज पेपर में दी गई थी। इसे लेकर काफी संख्या में हवा महल विधानसभा क्षेत्र के लोग गढ़ गणेश मंदिर के नीचे एकत्रित हो गए। जैसे ही चुनाव आयोग को इसकी भनक लगी तो आयोग के अधिकारी ब्रह्मपुरी पुलिस थाने के जाब्ते के साथ कार्यक्रम रुकवाने पहुंचे। चुनाव अधिकारियों ने मंत्री महेश जोशी को आचार संहिता का हवाला देते हुए शिलान्यास करने से रोक दिया। मंत्री का नाम लिखी शिलान्यास पट्टिका को भी चुनाव आयोग के अधिकारियों ने हटाकर रख दिया।
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