जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

बीजेपी की पहली लिस्ट जारी होने के बाद शुरू हुए विरोध पर पार्टी ने मान-मनुहार शुरू कर दी है। प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह बुधवार सुबह नरपत सिंह राजवी से मिलने पहुंचे। इसके अलावा राजेंद्र राठौड़ को टोंक भेजा गया, जहां देवली-उनियारा सीट पर विजय बैंसला को लेकर विरोध है।

विद्याधर नगर इस सीट पर विवाद सामने आने के बाद दीया कुमारी ने कहा- भैरो सिंह मेरे पिता समान थे। मैं तो उनसे यहीं कहूंगी कि आप पधारें, मेरे साथ इस चुनाव को लड़े। मुझे आशीवार्द दे, आपका सपोर्ट दें। इसके अलावा सूजानगढ़ (चूरू) से भाजपा एससी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष बीएल भाटी ने भी टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।

वहीं नगर (भरतपुर) पूर्व विधायक ने अनिता सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए यह तक कह दिया कि- मैं इस बंधन से छूट चुकी हूं। क्योंकि पार्टी ने मुझे धोखा दिया है।

टोंक में कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद लगे गो-बैक के नारे

प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह सुबह नरपत सिंह राजवी के घर पहुंचे। यहां दोनों के बीच बंद कमरे में 30 मिनट तक बैठक हुई। हालांकि बताया जा रहा है कि पार्टी राजवी की नाराजगी दूर करने का रास्ता निकालने का प्रयास कर रही है और इसलिए अरूण सिंह को मिलने के लिए भेजा।

इधर, टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट पर विजय बैंसला देने के बाद से विरोध चल रहा है। मंगलवार को भी कार्यकर्ता जयपुर पहुंचे तो और बैंसला भगओ-देवली उनियारा के नारे लगाए थे। इसके बाद बुधवार दोपहर 1 बजे प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ टोंक पहुंचे और कार्यकर्ताओं की बैठक ली। हालांकि उन्होंने दावा किया कि किसी तरह का विरोध नहीं है। लेकिन, उनके जाते ही दोबारा गो-बैक विजय बैंसला के नारे लगने लगे।

कार्यकर्ताओं के साथ डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद राजेंद्र राठौड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा- भारतीय जनता पार्टी कैडर बेस्ड पार्टी है। कुछ क्रिया-प्रतिक्रिया होती है, लेकिन हमारा एक भी कार्यकर्ता इससे अलग नहीं जाएगा। हमें अपने कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा है। चाहे देवली-उनियारा की बात हो या झोटवाड़ा की बात हो। भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता एकजुट रहेगा।

वे बोले- कोई प्रत्याशी पैराशूट नहीं है। पार्टी जिसको जहां से जो जिम्मेदारी देगी, उसे हर बीजेपी कार्यकर्ता निभाएगा। देवली-उनियारा में कोई कार्यकर्ता असंतुष्ट है तो परिवार का मामला है, मिलकर समझा लेंगे। बीजेपी कैडर बेस और अनुशासित पार्टी है। सभी कार्यकर्ता एक साथ रहकर कांग्रेस को हराएंगे।

इधर, राजवी के बयान पर बोलीं दीया- वो हमारे साथ रहे

दीया कुमारी को विद्याधर नगर से टिकट मिलने के बाद राजवी ने बयान करते हुए कहा था ' पतानहीं मुगलों के आगे घुटने टेकने वाले और महाराणा प्रताप के खिलाफ लड़ने वाले परिवार पर पार्टी मेहरबान क्यों है'? इस बयान पर दीया कुमारी ने कहा- जो उन्होंने (राजवी) कहा मैं उस पर कोई कमेंट नहीं करूंगी। वो हमारा परिवार हैं। भैरो सिंह मेरे पिता के समान थे। मैं तो उनसे यहीं कहूंगी कि आप पधारें, मेरे साथ इस चुनाव को लड़े। मुझे आशीवार्द दे, आपका सपोर्ट दें।

जिस दिन मुझे टिकट मिला था। मेरी उस दिन उनसे बात हुई थी। उन्होंने कहा था मैं मिलूंगा और कोई बात नहीं हुई। मैं तो चाहूंगी कि वो हमारे साथ रहे। वो परिवार हैं। मेरे लिए तो हमेशा भैरों सिंह जी परिवार की तरह रहे हैं। मेरी दादीसा का उनसे जुड़ाव रहा है। पिताजी का भी था। मेरा भी उनसे जुड़ाव रहा हैं। मैं तो उनका बहुत सम्मान करती हूं।

पार्टी ने जो डिसीजन लिया हैं, अपने स्तर पर लिया हैं और सोच समझकर ही लिया होगा। हम लोग पार्टी से ऊपर नहीं है। मुझे जो अवसर मिला है मैं तो उसी पर फोकस कर रही हूं। अब मुझे जो काम मिला हैं। मुझे उस पर ध्यान देना हैं। मुझे चुनाव लड़ना है औऱ यह सीट जीतकर पार्टी को देनी हैं।

सीएम फेस के सवाल पर कहा कि हमारा प्रत्याशी कमल का फूल है। हम पीएम मोदी व बीजेपी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे है। सेफ सीट के सवाल पर वे बोलीं- बीजेपी के लिए सारी सीट ही सेफ है। ये कांग्रेस को सोचना है कि कौनसी सीट सेफ है, कौनसी नहीं।


पंचायत में भावुक हुई पूर्व विधायक, कहा-जैसा गांव कहेगा, वैसे करूंगी

इधर, नगर (भरतपुर) की पूर्व विधायक रहीं अनीता सिंह का टिकट कटने के बाद बुधवार को उनके घर पंचायत बुलाई गई। इस पंचायत में वे भावुक हो गई। उन्होंने बताया कि मुझे फोन कर बुलाया गया। इस पर मैंने गांव के लाेगों से पूछा क्या आदेश हैै तो उनका कहना था कि आपने इस पार्टी को बढ़ाने और सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आज हमारे गांव का नाम आपके नाम से है। सुन्दरवाली को लोग इसलिए जानते हैं, क्योंकि यहां की विधायक हैं।

अब तक आपने पार्टियों से चुनाव लड़े होंगे, लेकिन इस बार आप गांव की तरफ से चुनाव लड़ो, यह हमारा आपका आदेश है। वे बोलीं- आप सब जानते हैं राम से और गांव से बड़ी कोई चीज नहीं होती है। जिला प्रमुख से लेकर अब तक जो चुनाव लड़े हैं उसमें मेरे गांव ने साथ दिया और ये ही मेरा परिवार है। इसलिए मैं उनकी बात से इनकार नहीं कर सकती थी। मैंने गांव वालों से कहा जैसा आप कहेंगे, मैं वैसा करूंगी।

वे बोलीं- 2 महीने पहले मैं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिली। मैंने उनसे पूछा कि क्या मुझे चुनाव लड़वाएंगे। तो कहा- जिस पेड़ को हमने लगाया है, उसे हम आगे बढ़ाएंगे, आपका टिकट नहीं कटेगा। इसके बाद अब पार्टी के नेताओं का मेरे पास फोन आया था। मैंने पार्टी को बोल दिया में उस बंधन से अब निकल चुकी हूं। आपने मुझे धोखे में रखा मेरे से झूठ बोला, मेरे से झूठ नहीं बोलते तो भी कोई बात नहीं थी। अब में अपने परिवार के बंधन में आ चुकी हूं। मेरा परिवार मुझे चुनाव लड़ाएगा तो मैं चुनाव लडूंगी।

बीएल भाटी बोले- मैं पढ़ा लिखा हूं, 6 साल पार्टी की सेवा की

सुजानगढ़ (चूरू) विधानसभा से संतोष मेघवाल को बीजेपी से टिकट मिलने के बाद भाजपा एससी मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष बीएल भाटी ने बुधवार को निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। बुधवार शाम को उन्होंने अपने घर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा- मैंने बड़ी सरकारी नौकरी छोड़कर 6 साल पार्टी की सेवा की। मैं लगातार लोगों के बीच रहा।्र पार्टी के सभी कार्यक्रमों में मेरी भूमिका रही। सुजानगढ़, जयपुर या दिल्ली, सब जगह मैं पार्टी के कार्यक्रमों में रहा, लेकिन जिस तरह से पार्टी ने कांग्रेस से आई संतोष मेघवाल को टिकट देकर मेरी उपेक्षा की है, मैं जनता के बीच जाकर चुनाव लड़ूंगा।

भाटी ने कहा मैं पढ़ा लिखा हूं। दिल्ली आईआईटी से मैंने एमटेक किया है। राज्य सरकार में बड़ा अधिकारी रहा हूं। मैं सुजानगढ़ को बेहतर सेवाएं दे सकता हूं।

इन सीटों पर हो रहा खुलकर विरोध
बीजेपी में टिकटों की घोषणा के बाद से 10 सीटों पर खुलकर विरोध हो रहा है। इसमें झोटवाड़ा, कोटपूतली, देवली-उनियारा, किशनगढ़, तिजारा, नगर, बानसूर, सांचौर, झुंझुनूं और डूंगरपुर शामिल हैं। इन 10 सीटों पर भाजपा के घोषित प्रत्याशियों का खुलकर विरोध हो रहा है।

झोटवाड़ा में कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का राजपाल सिंह शेखावत के समर्थक जमकर विरोध कर रहे हैं। इसी तरह से देवली-उनियारा में विजय बैंसला को बाहरी बताकर विरोध जारी है। किशनगढ़ से दावेदारी कर रहे विकास चौधरी ने सांसद भागीरथ चौधरी पर रुपए देकर टिकट लाने का आरोप लगाया है। झुंझुनूं से पिछले चुनावों में प्रत्याशी रहे राजेन्द्र भांबू भी खुलकर विरोध में आ गए हैं। वो विरोध मे बड़ी सभा करने जा रहे हैं।

वही पहली लिस्ट में घोषित कई प्रत्याशी ऐसे हैं जिनका खुलकर विरोध नहीं हो रहा, लेकिन वहां भी नाराजगी जबरदस्त है। इसका खामियाजा पार्टी को चुनावों में उठाना पड़ सकता है। इन सीटों में जयपुर की विद्याधर नगर, चूरू जिले की सुजानगढ़ सीट, सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ सीट पर प्रत्याशियों को लेकर नाराजगी हैं, लेकिन खुलकर अभी तक इनका विरोध नहीं हुआ है।

बीजेपी ने 41 में से 12 सीटों पर बाहरियों को दिया टिकट
बीजेपी के प्रत्याशियों को लेकर ज्यादा विरोध और नाराजगी इसलिए भी हैं, क्योंकि बीजेपी ने 41 मे से 12 सीटों पर बाहरियों को टिकट दे दिया है। क्षेत्र के बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि निर्दलीय और अन्य पार्टियों से बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों को टिकट देना सही नहीं है।

बीजेपी ने श्रीगंगानगर से जयदीप बिहाणी को टिकट दिया था। बिहाणी ने 2018 में निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा था और चौथे नम्बर पर रहे थे। सुजानगढ़ से बीजेपी प्रत्याशी संतोष मेघवाल कांग्रेस की प्रधान रह चुकी हैं। उन्होंने पिछला चुनाव निर्दलीय लड़ा और तीसरे नम्बर पर रहीं थीं।

इसी तरह से नवलगढ़ से विक्रम जाखल ने भी पिछला चुनाव निर्दलीय लड़ा था और तीसरे नंबर पर रहे थे। लक्ष्मणगढ़ से सुभाष महरिया बीजेपी से बागी होकर कांग्रेस के टिकट पर पिछला लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।

कोटपूतली से हंसराज पटेल, बानसूर से देवी सिंह शेखावत, झुंझुनूं से बबलू चौधरी बीजेपी के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। सपोटरा से हंसराज मीणा और बांदीकुई से भागचंद डाकरा बीजेपी के खिलाफ बसपा के टिकट पर पिछला चुनाव लड़ चुके हैं।

विरोध को देखते हुए डैमेज कंट्रोल के निर्देश
चौतरफा विरोध को देखते हुए बीजेपी ने कमेटी का गठन कर दिया है। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी की अध्यक्षता में इस कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में कई वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों को शामिल किया गया हैं। ये कमेटी नाराज नेताओं से बात करके उनको मनाने की कोशिश करेगी।

इसके साथ ही प्रदेश नेतृत्व ने सभी जिला इकाइयों को डैमेज कंट्रोल के निर्देश दिए हैं। इसके लिए बीजेपी के सभी 44 संगठनात्मक जिलों में जिला डैमेज कंट्रोल कमेटी कमेटी बनेगी, जिसमें जिले के पदाधिकारी, वरिष्ठ भाजपा नेता, विधायक, पूर्व विधायक, सांसद और पूर्व सांसदों को शामिल किया जाएगा। यह कमेटी जिलों मे उठ रहे असंतोष को शांत करने का प्रयास करेगी।