जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

CM अशोक गहलोत ने गुरूवार की राजधानी दिल्ली प्रेस वार्ता में कहा कि वे और सचिन पायलट पार्टी के टिकट बांटने से लेकर अन्य सभी मामलों में समान रूप से शामिल हैं इसीलिए इस पर बेकार कयासबाजी ठीक नहीं। केंद्रीय आलाकमान की नाक के नीचे दिया गया यह बयान गहलोत के दो दिन पहले के उस बयान से बिल्कुल अलग है जिसमें उन्होने भाजपा से 10 करोड़ रुपये लेने वाले कांग्रेस  ज़िक्र किया था। गहलोत ने कहा था कि जिन कांग्रेस विधायकों ने भाजपा से रुपये लेने से मना कर दिया था आज भाजपा उन्हीं को भ्रष्ट बता कर बदनाम कर रही है जबकि जिन्होने रुपये लिए उनकी कोई चर्चा ही नहीं हो रही।

CM गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा को वसुंधरा राजे को उनकी वजह से सजा नहीं देनी चाहिए यह उनके साथ अन्याय होगा। जाहिर है कि गहलोत एक बार फिर भाजपा और वोटरों को यह याद दिला रहे थे कि जब मोदी-शाह राजस्थान की चुनी हुई सरकार गिराने के लिए 'ऑपरेशन लोटस' चला रहे थे, वसुंधरा ने अनैतिक तरीकों से गहलोत सरकार को गिराने की खिलाफत की थी, जिसका उल्लेख पूर्व भाजप नेता कैलाश मेघवाल भी कर चुके हैं।  

गहलोत ने मीडिया पर तंज करते हुए कहा कि मीडिया उनकी बातों को फ्लेवर लगा कर पेश किया था।  गहलोत का आशय था कि जितना वे कहना चाहते थे मीडिया उनके बयानों का उससे ज्यादा अर्थ निकालकर पेश करता है।  

बहरहाल चुनावों की पूर्व संध्या पर यदि ऐसी राजनीतिक आतिशबाजी ना हो तो 'द ग्रेट इलेक्शन थियेटर' की शान में कमी रह जएगी। मानकर चलिए गहलोत की खट्टी-मीठी फुलझड़ी के बदले में भाजपा जल्द ही एक सूतली बम का कर्कश धमाका सुनवाएगी।