जयपुर/सीकर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर और सीकर स्थित घरों पर गुरुवार को ईडी के छापों की खबर ने एक बार तो कांग्रेस की तीसरी लिस्ट को भी चर्चा के बाहर कर दिया। इन छापों के बाद राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। सीएम गहलोत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल टिड्‌डी दल की तरह कर रही है। बात भी ऐसी थी कि सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष के घर ईडी पहली बार घुसी थी। ऐसे में बड़ा सवाल है कि पिछले छापों में ईडी को ऐसे क्या सबूत मिले। जिनके आधार पर डोटासरा के दोनों घरों में एक साथ ईडी घुसी और लगभग 8 घंटे रही। 

असल में ईडी की जांच में सीधे पार्टनशिप के बजाय 4 प्रॉक्सी कंपनी होने के सबूत मिले हैं।

ED 8 घंटे जयपुर और सीकर में  क्या कर रही थी ?

ईडी असल में कलाम एकेडमी सेंटर से जुड़ी मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग व वित्तीय अनियमितताओं) को खोजना चाह रही है। ईडी यह भी पता लगाने में जुटी हुई है कि आखिर इसके पीछे कौन लोग हैं और लेन-देन किस तरीके से होता था। जयपुर स्थित निवास पर 3 अलग-अलग गाड़ियों में 3 अफसर पहुंचे। सीकर स्थित घर में भी 3 अफसर पहुंचे। सीकर स्थित निवास पर डोटासरा की मौजूदगी में उनके बेटे व परिजनों की मौजूदगी में ईडी ने कार्रवाई की। जानकारों के अनुसार ईडी ने डोटासरा या अन्य परिजनों से कोई विशेष पूछताछ नहीं की। केवल फाइलों, कागजों को खंगाला और डायरियां पढ़ीं। किसी से पैसों, गहनों और अन्य सम्पत्तियों के बारे में भी किसी तरह का कोई सवाल नहीं किया। सीकर स्थित घर पर ईडी के 5 अधिकारी पहुंचे थे। अधिकारियों ने वहां भी कोई सवाल जवाब नहीं किए, केवल कागजात खंगाले। दोनों घरों में ईडी करीब 8 घंटे रही। इसके बाद टीमें सीधे अपने दफ्तर लौट आईं।

क्या है डोटासरा का कोचिंग कनेक्शन ?

शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी। पेपर आउट मामलों में मुख्य आरोपी आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण सहित 60 से अधिक को एसओजी ने गिरफ्तार किया। अनुसंधान में पेपर लीक मामले में सीकर की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया। SOG पूछताछ कर रही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ED मामले में कूदी और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड पर स्थित कलाम एकेडमी में रेड की। दो महीने पहले हुई इस रेड में ईडी के करीब 12 अफसर 3 गाड़ियों में सवार होकर एकेडमी पहुंचे थे। यहां कलाम एकेडमी के दो भवन हैं। प्रशासनिक भवन वाले मुख्य परिसर में ईडी ने रेड की थी। डॉ. किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा हुआ है। इसके बाद उन्होंने सार्वजनिक मंचों से भी कई बार ये दावे किए। ED ने पिछले छापों में कलाम एकेडमी के कागजातों की पड़ताल की और डायरेक्टरों की कुंडली खंगाली। कलाम में पंजीकृत रीट, सीनियर टीचर व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया था। शिकायत के आधार पर एकेडमी में वित्तीय जांच की गई। पैसे के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति के बारे में भी रिकॉर्ड खंगाला।

क्या है प्रॉक्सी कंपनियों से लेन-देन ?

दो महीने पहले छापों से ईडी के सामने यह स्पष्ट हो गया था कि कंपनी के रिकॉर्ड में डोटासरा के बेटों का कहीं नाम नहीं है, लेकिन कलाम एकेडमी से जुड़ी 4 प्रॉक्सी कम्पनियां हैं, जिनमें लेन देन हो रहा है। सूत्रों के अनुसार ईडी की गुरुवार को डोटासरा के घरों पर डाली गई रेड का यही मुख्य कारण है। ED अब जानना चाह रही है कि कलाम एकेडमी में आने वाला पैसा किस तरह से पार्टनर्स में बांटा जाता था और प्रॉक्सी कम्पनियों तक कितना हिस्सा पहुंचता था। प्रॉक्सी कम्पनियों से किन लोगों के तार जुड़े हुए हैं। इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए ईडी ने छापे मारे।

क्या होती है प्रॉक्सी कंपनी ?

इसमें व्यक्ति अपनी ही कंपनी में किसी दूसरे व्यक्ति को नॉमिनी बना देता है। नॉमिनी व्यक्ति के पास कंपनी से जुड़े सारे वैधानिक अधिकार होते हैं। कंपनी का चेहरा भी मुख्य ऑनर के बजाय नॉमिनी व्यक्ति ही होता है।

कलाम एकेडमी कैसे आई नजर में ? 

कलाम एकेडमी इससे पहले भी रीट 2021 का पेपर लीक होने के बाद भी विवादों में आई थी। इसके बाद सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का भी पेपर आउट हो गया। इस मामले में भी कलाम एकेडमी का नाम चर्चा में आया। रीट, सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामलों में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलिभगत भी सामने आई। पूछताछ में पाया गया कि शेर सिंह ने सीनियर टीचर परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र में आने वाले सवालों को कोचिंग सेंटरों में बोल-बोलकर लिखवाए थे। ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम एकेडमी में भी लीक पेपर के सवाल बोल-बोलकर लिखवाए थे।

कलाम एकडेमी में कौन सक्रिय और साइलेंट पार्टनर ? 

सूत्रों ने बताया कि कलाम एकेडमी में 9 पार्टनर हैं। इसमें 4 सक्रिय और पांच साइलेंट पार्टनर हैं। आरपीएस अधिकारी राजेश सींवर के परिजन, युजवेन्द्र जांगिड़, सुरेन्द्र भाकर व युनूस खान के परिजन शामिल हैं। युनूस खान राजकीय कन्या महाविद्यालय में कार्यरत हैं। तीन साझेदार राजेश सींवर के परिजन, युजवेन्द्र जांगिड़, सुरेन्द्र भाकर नागौर जिले से हैं, जबकि युनूस खान सीकर जिले के मूल निवासी हैं। हालांकि रिकॉड्‌र्स में इनका नाम नहीं है।

कलाम एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड2020 में हुई थी रजिस्टर्ड

कलाम एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड नाम से यह कंपनी 2020 में रजिस्टर्ड की गई थी। इस कंपनी में धन्नराम, शबनम बानो, शारदा जांगिड़, रामस्वरूप और रामावतार निदेशक हैं। ये और इनके परिजन कभी एकेडमी में नहीं आते। हालांकि इनके कुछ साथी पहले से राजकीय सेवा में चयनित हो गए थे। बाद में कोचिंग संचालन में अहम भागीदारी निभाने वाले सदस्यों का भी राजकीय सेवा में चयन हो गया। इस एकेडमी में 20 से ज्यादा सरकारी कॉलेजों के प्राध्यापक व स्कूल व्याख्याता भी जुड़े हुए हैं। इस कोचिंग से गोविंद सिंह डोटासरा के बेटे का भी नाम जुड़े होने के आरोप लगते रहे हैं। पूरे प्रदेश में चर्चा है कि डोटासरा के बेटे कहीं न कहीं इस कलाम एकेडमी से जुड़े हुए हैं। कोई खुलकर सामने बोलना नहीं चाह रहा, लेकिन दबी जुबान में बता रहे हैं कि डोटासरा के बेटे के बेरोजगारी के समय के दोस्तों ने मिलकर एकेडमी खोली थी। बाद में सक्रिय सदस्य दूर होते चले गए।

ED डोटासरा के बेटों के मोबाइल व ई-मेल आईडी के पासवर्ड ले गई 

ईडी सूत्रों के अनुसार रेड के बाद गोविंद सिंह डोटासरा और उनके दोनों बेटों का मोबाइल ईडी टीम ने अपने कब्जे में ले लिए। इस तरह से ईडी अपने साथ 3 मोबाइल साथ ले गई। इसके अलावा बेटों के ईमेल आईडी व पासवर्ड भी ले लिए। डोटासरा से शपथ पत्र लिया है कि वे अपनी मेल से इस रेड तक आई कोई भी मेल डिलीट नहीं करेंगे। हालांकि डोटासरा और बेटों ने ईडी को एक बार फिर कहा कि उनका कलाम एकेडमी से कोई रिश्ता नहीं है। इधर, डोटासरा से नजदीकी से जुड़े सूत्रों के अनुसार ईडी को घर में कोई विशेष दस्तावेज नहीं मिले हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कलाम एकेडमी से कोई लेन-देन हुआ है। वहीं जमीन या कहीं और किसी तरह के निवेश संबंधित दस्तावेज भी नहीं मिले हैं।

किरोड़ी के मंत्रियों को जेल भेजने के दावे 

मैं तो अपने कागज दे चुका हूं। यदि पेपर लीक गिरोह के सरगनाओं की सीडीआर, मोबाइल लोकेशन आदि निकाल ली जाए तो पता चल जाएगा कि उनका कहां-कहां उठना बैठना रहा। कलाम एकेडमी पर भी आंच आएगी। वैसे जांच एजेंसियों के पास सीडीआर है और सूचना है कि अवैध पैसों से कैसे बेनामी प्रॉपर्टियां खरीदी गईं। कई मंत्री, कई एमएलए जेल की हवा खाएंगे।

- किरोड़ी लाल मीणा, सांसद

किरोड़ी लाल केंद्र पर ही सवाल उठा रहे

'हम इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते। हमारा तो इतना ही कहना है कि हम तो पहले भी साफ थे, हम आज भी साफ हैं और आगे भी साफ ही रहेंगे। जो लोग ईडी से सूचना लीक के आरोप लगा रहे हैं, उल्टा केंद्र सरकार पर ही सवाल उठा रहे हैं। किरोड़ी लाल बीजेपी से हैं और वह अपने आप पर ही सवाल उठा रहे हैं। हम क्या बोलें, किसी भी बात की हद होती है।'

- यूनुस खान, संचालक, कलाम एकेडमी