जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट 

जयपुर में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों के बाद गणपति प्लाजा के लॉकरों की जांच लगातार जारी है। इनकम टैक्स के अधिकारी करीब 740 लॉकरों की जांच कर चुके हैं। वहीं, 360 लॉकर्स ऐसे हैं, जिनको अब तक नहीं खोला गया है। वहीं, कुछ लॉकर्स ऐसे भी मिले हैं, जिनके मालिक का नाम और पता मिल नहीं रहा है। जिस नाम से लॉकर खोला गया, वह नाम अस्तित्व में नहीं है।

मामले में एक दिन की जांच के बाद ईडी वापस लौट चुकी है, जबकि गणपति प्लाजा के लॉकरों में करोड़ों रुपए और गोल्ड होने की सूचना देने वाले राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी अब ठंडे पड़ गए हैं। उनका कहना है- रेड से पहले ही किसी ने पैसा और गोल्ड निकाल लिया होगा। हालांकि अभी भी लॉकरों से गोल्ड और नकदी निकलने की सम्भावना पूरी है। वहीं, इनकम टैक्स से मिली जानकारी के अनुसार गणपति प्लाजा में कुल 1100 लॉकर हैं। इसमें से 540 लॉकर एक्टिव ही नहीं है।

जानकारी अनुसार, जिन लोगों के नाम पर किरोड़ी लाल मीणा को शक था। उनकी जांच की जा चुकी है। अभी-भी 360 लॉकर ऐसे हैं, जिन्हें खोला नहीं गया है। इन लॉकर धारकों की जानकारी ले ली गई है। उन्हें लॉकरों के संबंध में मौके पर बुलाया जा रहा है। कुछ लोग आ रहे हैं। इनके लॉकरों की जांच की जा रही है।

कुछ लॉकर ऐसे मिले जिनका नाम और पता मिस मैच हो रहा
जानकारी अनुसार, कुछ लॉकर ऐसे भी मिले हैं। इनके मालिक का नाम और पता मिल ही नहीं रहे हैं। जिस नाम से लॉकर खोला गया, वह नाम अस्तित्व में नहीं है। जो पता लिखा रखा है, वहां पर व्यक्ति रहता ही नहीं है। इनकम टैक्स को ऐसे ही लॉकर की जांच करने में समय लग रहा है।

इनकम टैक्स के अधिकारियों का कहना है कि जब तक सारे लॉकर ऑनर आकर अपना लॉकर नहीं खोल देते जांच जारी रहेगी। सोमवार को भी 7 लोगों के लॉकर इनकम टैक्स ने खोले हैं। हालांकि लॉकर किसके हैं। इसकी जानकारी साझा नहीं की गई है।

नौकर के नाम से लेते लॉकर, फिर उसे निकाल देते
आईटी रेड के एक्सपर्ट अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया- वह कई बार इस तरह की रेड कंडक्ट कर चुके हैं। लोग अपने नौकरों के नाम से लॉकर के आसपास वाले लॉकर ले लेते हैं। फिर उन नौकरों को नौकरी से निकाल देते हैं। उन नौकर के लॉकर को ये लोग खुद यूज करते हैं। अगर ईडी और आईटी की टीम सर्च करती है। ये लोग जानकारी होने से इनकार कर देते हैंं।

इससे इनकम टैक्स के हाथ नगदी या अन्य दस्तावेज तो लगते हैं, लेकिन असली मालिक पकड़ा नहीं जाता। इस केस में भी ऐसा ही होने वाला हैं। अभी आईटी की टीम बुला कर जांच कर रही है, लेकिन कुछ दिनों में आईटी को कोर्ट आदेश पर लॉकर तुड़वाने होंगे। जिस पर लॉकरों में रखे सामान के बारे में जानकारी मिल सकेगी।