अजमेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

30 साल से फरार चल रहे एक आतंकवादी ने आज दोपहर खुद को अजमेर की टाडा कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इसके बाद टाडा कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया है। बता दें कि साल 1989 में भारत-पाक सीमा पर हथियारों की तस्करी के मामले में बीएसएफ ने कार्रवाई की थी। इसी कार्रवाई में साल 1993 से आतंकवादी सुखदर्शन सिंह फरार चल रहा था। आरोप है कि सुखदर्शन सिंह ने आतंकवादी ज्ञान सिंह को AK–56 सहित अन्य हथियार बेचे थे। इस दौरान सुखदर्शन सिंह के घर पर भी दबिश दी गई थी। जहां से हथियारों का जखीरा बरामद हुआ था।

1989 के मामले से जुड़ा है आतंकी

टाडा कोर्ट के सरकारी वकील ब्रजेश कुमार पांडे ने बताया कि 3 जनवरी 1989 को बीएसएफ को हथियारों के आदान-प्रदान की सूचना मिली थी। इनपुट था कि राजस्थान-पाक सीमा पर हथियारों का बड़ी संख्या में लेनदेन हो रहा है। इसी मामले में जब BSF ने कार्रवाई की तो सुखदर्शन सिंह भाग निकला। वह 1993 से फरार चल रहा था। इसके लिए टाडा कोर्ट ने अफसरों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखे थे। इसके बाद जब दबाव बढ़ा तो आरोपी सुखदर्शन सिंह ने सरेंडर कर दिया। जिसे कोर्ट ने जेल भेज दिया है। अब मामले की सुनवाई चलेगी।