जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जल जीवन मिशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने शुक्रवार को सुबह 6 बजे से ही जयपुर व अलवर में 9 जगह छापे मारे। रिटायर्ड आरएएस महेश मित्तल, प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बड़ाया, प्रॉपर्टी कारोबारी कल्याण सिंह काव्य, एक्सईएन विशाल सक्सेना, एक्सईएन मायालाल सैनी, ठेकेदार पदमचंद जैन, जेडीए नॉर्थ तहसीलदार सुरेश शर्मा और एक रिटायर अधिकारी अमिताभ कौशिक के घरों में सर्च के घरों को सर्च किया गया।ईडी को इनके यहां से 2.50 करोड़ की नकदी, 1 किलो सोने की ईंट और करोड़ों की प्रॉपर्टी के कागजात और कुछ अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम से लेन-देन के दस्तावेज मिले। बताया जा रहा है कि अमिताभ कौशिक दलाल की तरह मध्यस्थता का काम करता था। उसी से सबसे ज्यादा 1.50 करोड़ रुपए मिले हैं।

उधर, संजय बड़ाया काे ईडी के एक्शन के संकेत मिल गए थे और एक-दाे दिन पहले ही उसने मोबाइल बदल लिया था। ईडी की दिल्ली और जयपुर टीम के अलावा पहली बार गुजरात की टीम को भी जयपुर में कार्रवाई के लिए बुलाया गया है। उधर, ईडी अलवर के बहरोड़ में जलदाय विभाग के एक्सईएन मायालाल सैनी के सरकारी आवास पर भी रेड पड़ी है। सैनी के आवास पर लॉक लगा हुआ था। उसकी खाना बनाने वाली से चाबी लेकर ईडी ने सुबह 11:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक सर्च की। सैनी को एसीबी ने 6 अगस्त को जयपुर के होटल पोलो विक्ट्री के पास 2.20 लाख रिश्वत लेते पकड़ा था। उसके साथ नीमराना के जेईएन प्रदीप कुमार, रिश्वत देने वाले ठेकेदार पदमचंद जैन, उसकी कंपनी के सुपरवाइजर मलकेत सिंह और एक अन्य व्यक्ति को पकड़ा था। कार्रवाई में गाड़ी व ऑफिस से कुल 2.90 लाख रुपए मिले थे।

एक महीने से कम समय में प्रवर्तन निदेशालय की चार छापेमारी

7 अगस्त: सीकर की कलाम कोचिंग पर कार्रवाई की। ईडी ने रीट परीक्षा में नकल के मामले में यह छापेमारी की थी। इसके बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गाेविंद सिंह डाेटासरा काे कहना पड़ा कि उनका किसी काेचिंग से लेना- देना नहीं है।
10 अगस्त में : सरकारी अलमारी से 2.31 करोड़ रुपए और एक किलो सोना मिलने के प्रकरण में ईडी ने निलंबित डीओआईटी के ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश को गिरफ्तार किया।
29 अगस्त: उदयपुर में राफेल्स ग्रुप के पांच सितारा होटल पर ईडी ने कार्रवाई की। इसमें एक बड़े राजनेता व दाे पुलिस अधिकारियों के निवेश की चर्चा चली, हालांकि कोई खुलासा नहीं हुआ।
1 सितंबर: जल जीवन मिशन काे लेकर ईडी की कार्रवाई। इसमें भी एक बड़े नेता और एक उच्च अधिकारी पर गाज गिरने की चर्चा।

5 हथकंडे... जिनसे ये पूरा घोटाला किया गया

पहला: ग्रामीण इलाकों में पेयजल की व्यवस्था होनी थी। खर्च राज्य सरकार व केंद्र का आधा-आधा था। योजना में डीआई डक्टर आयरन की जगह एचडीपीई की लाइन डाल दी गई।

दूसरा: ठेकेदार पदमचंद जैन हरियाणा से चोरी के पाइप लेकर आया और उसे नया पाइप बता कर बिछा दिया और सरकार से करोड़ों रुपए ले लिए।

तीसरा- ठेकेदार पदमचंद जैन ने फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर टेंडर लिया। अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी उसे टेंडर दिया गया, क्योंकि वह एक राजनेता का दोस्त था।

चौथा: पुरानी पाइपलाइन को नया बताकर पैसा उठाया। पाइप डाले ही नहीं गए।

पांचवां: कई किलोमीटर तक आज भी पानी लाइन डाली ही नहीं गई है, लेकिन उसका ठेकेदारों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों से मिल कर पैसा उठा लिया।

उदयपुर होटल पर छापे में 1.27 कराेड़ जब्त

ईडी ने उदयपुर में राफेल्स होटल और जयपुर में दिल्ली राेड पर एक हाेटल में छापेमारी की थी। पड़ताल मुंबई और दिल्ली की ट्राइटन हाेटल एंड रिसाेर्ट और वर्धा एंटरप्राइजेज के खिलाफ थी। इनके संचालक और प्रमाेटर्स शिवशंकर शर्मा, रतनकांत शर्मा आदि से ईडी ने 1.27 कराेड़ रुपए राशि जब्त की है।

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि चुनाव के समय ईडी, सीबीआई आती है, ये केंद्र के दबाव में काम कर रही है। यह उचित नहीं है। हम काफी दिनाें से इंतजार ही कर रहे थे। वैसे कोई करप्शन कर रहा है, भ्रष्ट है ताे कार्रवाई कराे, हम साथ हैं।