झुंझुनू ब्यूरो रिपोर्ट। 

लाल डायरी को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले बर्खास्त मंत्री और कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुढ़ा जल्द पार्टी छोड़ सकते हैं। राजेंद्र गुढ़ा 9 सितंबर को शिवसेना शिंदे में शामिल हो सकते हैं। महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे 9 सिंतबर को गुढ़ा के बेटे शिवम गुढ़ा के जन्मदिवस समारोह में शामिल होने उदयपुरवाटी दौरे पर आ रहे हैं। उसी समारोह में गुढ़ा शिवसेना के साथ नई पारी की शुरुआत करने की तैयारी कर रहे हैं।

शिवसेना के राजस्थान प्रभाराी चंद्रराज सिंघवी ने ट्वीट करके गुढ़ा के 9 सितंबर को पार्टी जॉइन करने का दावा किया है। सिंघवी ने ट्वीट किया- 9 सितंबर को राजेंद्र गुढा के आने से शिवसेना की ताकत बढ़ेगी लेकिन यह तो अभी शुरुआत है। पर्दे के पीछे 20 जीतने लायक उम्मीदवार शिवसेना का दमन थामने के लिए तैयार हैं। आगे इस पर निर्भर करेगा कि भारतीय जनता पार्टी हमें कितनी सीट समझौते के तहत देती है, क्योंकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि हम कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे भाजपा का नुकसान हो।

विधानसभा में मणिपुर की जगह सरकार को अपने गिरेबां में झांकने की सलाह दी, उसी दिन बर्खास्त हुए थे

गुढ़ा ने जुलाई में विधानसभा में कानून व्यवस्था को लेकर मंत्री रहते हुए सवाल उठाए थे। विधानसभा में कांग्रसे विधायकों के मणिपुर हिंसा और महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का मामला उठाने पर पलटपार करते हुए कहाथा कि राजस्थान रेप के मामले में अव्वल है। हमें मणिपुर पर बात करने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। मंत्री के अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने से कांग्रेस की विधानसभा में असहज स्थिति बन गई थी। यह मुद्दा उठाने के बाद गुढ़ा को उसी दिन देर शाम बर्खास्त कर दिया गया था। मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद गुढ़ा ने विधानसभा में लाल डायरी लहराकर नया विवाद छेड़ दिया था।

लाल डायरी को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा, गुढ़ा के बाद बीजेपी ने मुद्दा बनाया

राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में लाल डायरी लहराकर दावा किया था कि यह डायरी आरटीडीसी अध्यक्ष धमेंद्र सिंह राठौड़ के घर पड़े इनकम टैक्स छापों से पहले लाई गई ​थी। उस दिन भारी हंगामा हुआ था। गुढ़ा ने लाल डायरी को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ लगातार मोर्चा खोल रखा है। गुढ़ा ने लाल डायरी के तीन पन्ने भी रिलीज किए थे जिसमें आरसीए चुनावों में लेनदेन का जिक्र था। लाल डायरी को बीजेपी ने लगातार चुनावी मुद्दा बना रखा है। बीजेपी की परिवर्तन यात्रा की सभााओं में अमित शाह, जेपी नड्डा से लेकर हर नेता ने लाल डायरी के मुद्दे पर गहलोत सरकार को घेरा है।