श्रीगंगानगर - राकेश शर्मा 
राष्ट्रीय व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर श्रीगंगानगर न्यायक्षेत्र में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष  सत्यनारायण व्यास (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) की अध्यक्षता में वृहत स्तर पर वर्ष 2023 की तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसका शुभारम्भ शनिवार को प्रातः 9.50 पर (एडीआर सेन्टर) में द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया। यह लोक अदालत जिले के प्रत्येक न्यायिक मुख्यालयों पर लगाई गई। राष्ट्रीय लोक अदालत में राजस्व से संबंधित मामलों हेतु भी बैंचस् बनाई गई, जिनका अध्यक्ष न्यायिक अधिकारी व सदस्य राजस्व अधिकारी बनाये गये।
 प्राधिकरण के सचिव  गजेन्द्र सिंह तेनगुरिया (एडीजे) ने बताया कि इसमें पक्षकारों की सहमति से प्रकरणों में राजीनामें करवाये गये। जिला मुख्यालय पर सैशन स्तर, महिला उत्पीड़न व एससी/एसटी के मामलों की लोक अदालत जिला एवं सेशन न्यायाधीश सत्यनारायण व्यास, प्री-लिटिगेशन प्रकरण, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग व स्थाई लोक अदालत स्तर के प्रकरणों की लोक अदालत  गजेन्द्र सिंह तेनगुरिया (एडीजे) व सदस्य जयप्रकाश गौत्तम, पैनल अधिवक्ता, मोटरयान दुर्घटना, पारिवारिक मामलों, एनडीपीएस के प्रकरणों की लोक अदालत अशोक चौधरी, न्यायाधीश द्वारा लगाई गई। इसी प्रकार अन्य फोजदारी एवं दीवानी प्रकरणों की लोक अदालत सरिता चौधरी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व एन.आई.एक्ट. प्रकरणों की लोक अदालत, निधि बेनीवाल, विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट, एन.आई. एक्ट सं. 02, श्रीगंगानगर की अध्यक्षता में लगाई गई।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीगंगानगर के सचिव गजेन्द्र सिंह तेनगुरिया (एडीजे) श्रीगंगानगर ने बताया कि लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु समस्त जिले के लिये कुल 13 बैंच्स का गठन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 85530 प्रकरण रखे गये, जिनमें से न्यायालयों में लंबित 11536 प्रकरण थे व प्रिलिटिगेशन के 73994 प्रकरण थे। पक्षकारान ने लोक अदालत में पूर्णतया बढचढ कर भाग लिया। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से न्यायालयों में लंबित कुल 4231 र्प्रकरणों को निस्तारित किया जाकर कुल राशि 60,08,86,122 रूपये का अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार बैंक ऋण, बीएसएनएल व विधुत निगम के एवं राजस्व के प्रि-लिटिगेशन के कुल 70456 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निस्तारण राजीनामें से कर कुल राशि 14,20,66,758 रूपये अवार्ड राशि पारित की गई। जिला उपभोक्ता मंच के 51 प्रकरण लोक अदालत में रखे गये जिनमें से उपभोक्ता के 20 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामा से करवाया गया।