उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जयपुर की साहित्यकार उमा को उनकी किताब ‘किस्सागोई: अदीबों के निज की जादुई कथाएं’ के लिए राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर की ओर से वर्ष 2020-21 का कन्हैयालाल सहल पुरस्कार प्रदान किया गया। अकादमी ने हाल ही उदयपुर में पुरस्कार समारोह आयोजित करके गत तीन वर्ष (2019-20, 2020-21, 2021-22)के अकादमी पुरस्कारों से साहित्यकारों को नवाजा। इस क्रम में उमा को कथेतर विधा में यह सम्मान मिला। विभिन्न विधाओं में उमा की अब तक तीन किताबें आ चुकी हैं। पहली ही किताब ने लेखन की दुनिया में स्थापित कर दिया, उनका उपन्यास ‘जन्नत जाविदां’ भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार के लिए अनुशंसित हुआ। अकादमी की ओर से पुरस्कृत किताब किस्सागोई में उन्होंने अनूठी शैली का प्रयोग करते हुए राजस्थान के छह लेखकों के शुरुआती जीवन पर किस्से बुने हैं, जो सत्य और गल्प का मेल है। किताब कलमकार मंच से प्रकाशित हुई है।

पुरस्कार समारोह में गांधी शांति प्रतिष्ठान दिल्ली के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने बतौर मुख्य अतिथि और साहित्यकार लीलाधर मंडलोई ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। अध्यक्षता राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने की। सचिव बसंत सोलंकी ने बताया कि इस अवसर पर गोविंद माथुर, आरडी सैनी और पद्मजा शर्मा को अकादमी का सर्वोच्च पुरस्कार मीरां सम्मान से सम्मानित किया गया। भानु भारवि, गुलाम मोइनुद्दीन माहिर, जितेंद्र कुमार सोनी को सुधींद्र पुरस्कार, संदीप कुमार मील, रीना मेनारिया और दिनेश पांचाल को रांगेय राघव, सदाशिव श्रोत्रिय, माधव नागदा, दिनेश कुमार माली को देवराज उपाध्याय पुरस्कार, ओम नागर, उमा और डॉ. विमला भंडारी को कन्हैयालाल सहल पुरस्कार, अशोक राही, राजकुमार इंद्रेश, प्रमोद कुमार गोविल को देवीलाल सामर, पंकज वीरवाल किशोर, पूरण शर्मा और सत्यनारायण सत्य को शंभु दयाल सक्सेना पुरस्कार, माधव राठौड़, बृजेश माथुर और अश्विनी त्रिपाठी को सुमनेश जोशी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।