जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान में गहलोत सरकार ने भले ही ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) फिर से शुरू करने का प्रक्रिया शुरू कर दी हो, लेकिन अब इस ऑप्शन को भरने वाले रिटायर्ड कर्मचारियों में भय बढ़ गया है। कर्मचारियों ने लाखों रुपए अपनी जमा पूंजी से या अपने रिश्तेदारों से लेकर सरकार को जमा तो करवा दिया। अब अधिकांश कर्मचारियों को पिछले तीन माह से पीपीओ (पेंशन पेमेंट ऑर्डर) ही जारी नहीं हुए। अब ये कर्मचारी अक्टूबर में अपनी पेंशन आने का इंतजार देख रहे है।

राजस्थान राज्य भंडारण निगम, राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं विनियोग निगम (रीको), राजस्थान रोडवेज समेत कई कॉरपोरेशन निगम और सरकार के विभाग ऐसे हैं, जहां सैंकड़ों की संख्या में कर्मचारियों ने डिमांड के मुताबिक राशि तो जमा करवा दी। उनको अब तक पीपीओ जारी नहीं हुआ।

राजस्थान राज्य भंडारण निगम में ही करीब 40 से ज्यादा रिटायर्ड कर्मचारी ऐसे है, जिन्होंने ओपीएस का ऑप्शन भरकर अपनी जमा पूंजी ब्याज सहित सरकार को जमा करवा दी। किसी को एक तो किसी को दो माह से ज्यादा समय हो गया, लेकिन अब तक एक भी कर्मचारी को पीपीओ जारी नहीं हुआ।

निगम से निदेशक पद से सेवानिवृत हुए भरत सिंह, निजी सचिव रमाकांत अग्रवाल, खेम चंद्र माहेश्वरी, लक्ष्मी नारायण सैनी समेत कई कर्मचारियों ने बताया- हम पीपीओ जारी करने के लिए निगम को कई बार पत्र लिख चुके है, लेकिन वहां से केवल एक ही जवाब मिलता है कि जब तक सरकार निगम में अध्यक्ष नियुक्त नहीं करेगी, तब तक पीपीओ जारी नहीं हो सकेगा।

कर्मचारियों में पेंशन को लेकर संशय

कर्मचारियों ने अभी तो सरकार के निर्देश पर पैसे जमा करवा दिया, लेकिन अब पेंशन मिलने को लेकर संशय हो रहा है। कर्मचारियों में चर्चा है कि अगर सरकार बदलती है तो नई सरकार ओपीएस लागू करेगी भी या नहीं? क्योंकि केन्द्र की सरकार ने स्पष्ट मना कर दिया है कि ओपीसी किसी भी कीमत पर लागू नहीं होगा। केन्द्र सरकार के निर्णय के बाद अब कर्मचारियों में डर सताने लगा है। इधर राज्य सरकार भी ओपीएस का ऑप्शन भरने और उसके बकाया पैसे जमा करवाने की आखिरी तारीख को दो बार बढ़ा चुकी है।