जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

केंद्र की मोदी सरकार ने भले ही देशभर में रसोई गैस की कीमतों में 200 रुपए कम करके जनता को राहत दे दी हो, लेकिन इस निर्णय से एलपीजी सिलेंडर डिस्ट्रीब्यूटर्स नाराज हो गए। सरकार के इस निर्णय से हर डिस्ट्रीब्यूटर्स को करीब 1 से लेकर 2 लाख रुपए तक का नुकसान हुआ है। डिस्ट्रीब्यूटर्स ने इसको लेकर आंदोलन शुरू किया है और ऑयल कंपनियों से नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। इसके साथ ही सभी डिस्ट्रीब्यूटर्स अब डिलीवरी नहीं उठाने पर भी विचार कर रहे हैं।

राजस्थान एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन के अध्यक्ष दीपक गहलोत ने बताया कि केन्द्र सरकार ने 29 अगस्त को जो घोषणा की उससे जनता को तो राहत मिल गई, लेकिन डिस्ट्रीब्यूटर्स को बड़ा नुकसान हुआ है। राजस्थान में तीनों तेल कंपनियों (IOCL, BPCL, HPCL) की 1400 से ज्यादा गैस एजेंसियां है।

उन्होंने बताया- हर एजेंसी के पास गोदाम करीब 700 से लेकर 1 हजार सिलेंडर का स्टॉक रहता है। नियमानुसार ये स्टॉक रखना हमें जरूरी होता है। क्योंकि कभी कोई इमरजेंसी आती है और ऑयल कंपनियों से सप्लाई प्रभावित होती है तो हमें स्टॉक से आपूर्ति करनी होती है, ताकि जनता को परेशान न होना पड़े। कीमतें कम होने से अब गोदामों में पड़ा स्टॉक जो पुरानी रेट्स पर था वह कम हाे गया, जिसका सीधा नुकसान डिस्ट्रीब्यूटर्स को हुआ है।

क्रेडिट पर भेज दिया स्टॉक
फेडरेशन के पदाधिकारियों का आरोप है कि जिस दिन दोपहर 3 बजे 200 रुपए कटौती का ऐलान किया गया, उस दिन भी कंपनियों ने लगातार बिलिंग करके स्टॉक भिजवाया। कई एजेंसियों को क्रेडिट पर स्टॉक देर शाम तक भिजवाया गया, जिससे एजेंसियों को बहुत घाटा हुआ है।

कंपनियां करें भरपाई
गहलोत ने बताया कि केन्द्र सरकार के रेट्स कम करने से जो नुकसान कंपनियों को हुआ है, उसकी भरपाई के लिए कह दिया। ऐसे में कंपनियों को अब डिस्ट्रीब्यूटर्स के नुकसान की भरपाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर तेल कंपनियों हमारे नुकसान की भरपाई नहीं करती है तो हम इसका विरोध करेंगे और रिजर्व स्टोर की सुविधा बंद करेंगे। वहीं हम विचार कर रहे है कि अगले कुछ दिन कंपनियों से डिलीवरी भी नहीं उठाई जाए।