अजमेर ब्यूरो रिपोर्ट।

अजमेर में होटल कर्मचारियों से मारपीट के मामले में सस्पेंड आईएएस गिरधर और आईपीएस सुशील कुमार बिश्नोई को राज्य सरकार ने शुक्रवार को बहाल कर दिया। शासन संयुक्त सचिव राजेन्द्र सिंह कविया की ओर से जारी आदेश में बताया कि इन दोनों अधिकारियों को 13 जून को अखिल भारतीय सेवा नियमों के उल्लंघन करने पर निलंबित किया था। इस प्रकरण में जारी जांच को प्रभावित नहीं करने की शर्त पर इन्हें बहाल किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के मामले में हर तीन महीने में रिव्यू होता है, इसके तहत उक्त दोनों अधिकारियों की बहाली की गई है। मारपीट की घटना के समय आईपीएस सुशील कुमार विश्नोई एडिशनल एसपी सिटी अजमेर व गिरधर अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त पद पर तैनात थे।

यह था मामला

अजमेर शहर के एक रेस्टोरेंट में उन्हें 11 जून को विदाई पार्टी दी। गई थी। पार्टी खत्म होने के बाद रात करीब दो बजे कुछ दोस्तों के साथ वह होटल में खाना खाने पहुंचे थे। यहां मारपीट व विवाद हुआ। होटल के स्टाफ उमेश कुमार, महेंद्र गुर्जर और अन्य के साथ मारपीट, गाली- गलौज करने लग गए। फिर वापस चले गए। घटना की सूचना गेगल थाने में दी गई।

इसके बाद रात करीब ढाई बजे आईपीएस सुशील कुमार, एएसआई रुपाराम पुलिसकर्मियों के साथ होटल पर आए। उन्होंने रेस्ट रूम में जाकर स्टाफ के साथ लाठी, हॉकी और डंडों से मारपीट शुरू कर दी। रात करीब पौने तीन बजे वे लोग यहां से निकले। इसकी शिकायत रात 3 बजे फिर गेगल पुलिस को दी गई। पुलिस के द्वारा मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

इनको किया था निलंबित

अजमेर विकास प्राधिकरण के तत्कालीन आयुक्त गिरधर, नवगठित गंगापुर जिले के तत्कालीन आईएएस ओएसडी आईपीएस सुशील बिश्नोई, गेगल थाने के एएसआई रुपाराम, कॉन्स्टेबल गौतम और मुकेश यादव, टोंक के पलिस कॉन्स्टेबल मुकेश जाट, टोंक जिले में तहसील के कनिष्ठ सहायक हनुमान प्रसाद, टोंक पटवारी नरेंद्र सिंह दहिया।