जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह को हाई कोर्ट से राहत मिल गई हैं। हाई कोर्ट ने उन पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार को हटा दिया हैं। दरअसल निचली अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए थे।

जिसके खिलाफ शोभारानी कुशवाह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस अनिल उपमन की अदालत ने निचली अदालत के गिरफ्तारी वारंट पर अंतरिम रोक लगा दी हैं।

दरअसल धौलपुर के मथुरा गेट थाने में विधायक शोभारानी, उनके पति पूर्व विधायक बनवारी लाल कुशवाह व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हैं।

वे सिर्फ शेयर होल्डर, अपराध के लिए निदेशक मंडल जिम्मेदार
विधायक शोभारानी कुशवाह की ओर से दायर याचिका में हाई कोर्ट को बताया कि 13 जनवरी, 2017 को श्यामबाबू शर्मा ने एक कंपनी के निदेशकों के खिलाफ आईपीसी की धारा-420, 406 और 120 बी में मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के बाद पुलिस ने उसके पति पूर्व एमएलए बनवारी लाल कुशवाहा के खिलाफ चालान पेश किया एवं एक दर्जनभर लोगों के खिलाफ जांच लंबित रखी।

जिस पर निचली कोर्ट ने 18 अक्टूबर, 2022 को प्रसंज्ञान लेकर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए। आदेश की निगरानी को डीजे कोर्ट ने खारिज कर दिया। जिसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया कि उसका संबंधित कंपनी से कोई संबंध नहीं है और ना ही वह कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल है। वह सिर्फ शेयर होल्डर है। वह कंपनी के कार्यो में भाग नहीं लेती थी। कथित अपराध के लिए निदेशक मंडल ही जिम्मेदार है।