जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि मैं कई बार मुख्यमंत्री का पद छोड़ने की सोचता हूं, लेकिन मुख्यमंत्री का पद मुझे नहीं छोड़ रहा है।

गहलोत ने चिरंजीवी योजना के तहत हार्ट ट्रांसप्लांट कराने वाली अलवर की रहने वाली धौली देवी से बातचीत के दौरान सीएम पद को लेकर यह कमेंट किया। गहलोत गुरुवार को सीएम हाउस में ऑर्गन ट्रांसप्लांट पर हुए वर्चुअल कार्यक्रम में बोल रहे थे।

अलवर की धौली देवी ने कहा- मैं तो यही कामना करती हूं कि ये ही मुख्यमंत्री रह जाएं। गहलोत ने कहा- आप तो कह रही हो कि मैं ही लगातार मुख्यमंत्री रहूं, मैं खुद ही कह रहा हूं कि मुख्यमंत्री पद मुझे छोड़ नहीं रहा, अब आगे देखते हैं क्या होता है?

सरकार भरेगी सालाना 415 करोड़ का प्रीमियम
सीएम अशोक गहलोत ने चिरंजीवी योजना में आठ लाख तक की आय वालों का फ्री बीमा करवाने की घोषणा की है। गहलोत ने कहा कि चिरंजीवी योजना में अब आठ लाख तक की आय वाले लोगों को 850 रुपए का प्रीमियम नहीं देना पड़ेगा, उनका प्रीमियम अब सरकार भरेगी।

सरकार सालाना 425 करोड़ रुपए के प्रीमियम का खर्च उठाएगी। अब तक चिरंजीवी योजना में खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल और बीपीएल परिवारों का फ्री बीमा हो रहा था। अब आठ लाख तक की आय वाले हर कैटेगरी के लोगों का फ्री बीमा होगा।

आरएसएस-बीजेपी बैकग्राउंड के डॉक्टर हड़ताल के लिए नहीं भड़काएं
गहलोत ने कहा- डॉक्टरों को एक ही बात कहता हूं, आप भगवान हो, बस एक ही बात का ध्यान रखें, बस हड़ताल मत करो। हड़ताल के अलावा कुछ भी कर लीजिए, सीएम हाउस पर धरना दे दीजिए, काली पट्टी बांध लो, हम समझ जाएंगे।

हड़ताल से ज्यादा प्रभावशाली आपकी काली पट्टी मेरे लिए होगी। हड़ताल करने से मरीजों को कितनी दिक्कत होती है, वह जिम्मेदारी आपको लेनी होगी। आरएसएस, बीजेपी अपनी जगह ​है। मैं आरएसएस-बीजेपी बैकग्राउंड के डॉक्टरों से अपील करना चाहता हूं कि आप भड़काने का काम नहीं करें, वहां पर आप ईश्वर का रूप ही रहो।

गहलोत ने कहा- हड़ताल नहीं हो इसकी जिम्मेदारी आप ले लीजिए, बाकी सब मुझ पर छोड़ दीजिए, चाहे सैलरी हो या ग्रेड पे का मामला हो। जितनी सुविधाएं मेरी सरकार दे रही है, उतनी कोई राज्य नहीं दे रहा है। राइट टू हेल्थ बिल को लेकर प्राइवेट सेक्टर के डॉक्टरों को गलतफहमी पैदा हो गई थी।

मुझे खुशी है कि राइट टू हेल्थ को लेकर हुई गलतफहमी दूर हो गई है। डॉक्टरों में भी कोई कांग्रेस माइंडेड होता है, कोई बीजेपी-आरएसएस माइंडेड होता है। आरएसएस का बैकग्राउंड होता है, तमाम बातें छोड़ दो डॉक्टर के लिए। वोट देते वक्त आप अपने हिसाब करते रहना, अभी आप जो डॉक्टर का प्रोफेशन है, उसके हिसाब से मानवता सामने रख कर काम करना चाहिए।

गहलोत ने कहा- मैंने अभी कर्मचारियों को ओपीएस दिया है, मैंने पूरी तरह मानवीय दृष्टिकोण से दिया है। बुढ़ापे में सिक्योर लाइफ होनी चाहिए, उसी ढंग से मुझे सेवा करनी है, बाकी आप मुझ पर छोड़ दीजिए।

मेरे पैर के अंगूठे के तीन टुकड़े हो गए
गहलोत ने कहा- डॉक्टर बीमार के लिए ईश्वर का रूप होता है। मेरे एक अंगूठे में तीन टुकड़े हो गए औ नाखून कट गया, एक अंगूठे में हेयरलाइन फ्रैक्चर है। इसमें ही मुझे कितनी तकलीफ हो रही है। आज सुबह ही पट्टी करवाई है।

जिनके एक्सीडेंट होते हैं, हाथ-पैर में फ्रैक्चर होते हैं, सोचिए उन्हें कितनी तकलीफ होती होगी। एक्सीडेंट में सिर पर लगती है, उन पर क्या बीतती होगी? एक्सीडेंट केस में डॉक्टर चार से लेकर आठ घंटे तक भी लगातार ऑपरेट करते हैं। डॉक्टरों की सेवा कोई कम नहीं है, डॉक्टर की बहुत बड़ी सेवा है।

समाज को भी डॉक्टरों पर पूरा विश्वास करना चाहिए
गहलोत ने कहा- इलाज को लेकर कई बार अनावश्यक विवाद भी होते हैं। छोटे-मोटे झगड़े हो जाते हैं। समाज को भी डॉक्टरों पर पूरा विश्वास करना चाहिए। ऑपरेशन, इलाज करने में कितनी दिक्कत होती है। अगर संख्या ज्यादा हो तो मरीजों को देखने में भी दिक्कत होती है।

अगर 400-500 केस देखने पड़े तो ऐसे में डॉक्टर भी परेशान हो जाते हैं। हम जानते हैं, जब मरीजों से मिलने आते हैं, मंत्रियों से मुख्यमंत्री से मिलते हैं तो खुद टेंशन में आ जाते हैं । डॉक्टर भी इंसान हैं, इसलिए उनका ध्यान रखना चाहिए।