जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
जवाहर कला केन्द्र और नृत्यशिल्प गुरू सुरेंद्र नाथ जेना ओडिसी डांस फाउंडेशन, दिल्ली की ओर से दो दिवसीय युवा कलाकार शास्त्रीय नृत्य उत्सव का शनिवार को आगाज हुआ। रंगायन सभागार विभिन्न शास्त्रीय नृत्यों से सजी महफिल का गवाह बना। उत्सव में ओडिसी, मोहिनीअट्टम, सत्रिया, मणिपुरी, भरतनाट्यम, कथक जैसे शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुति से भारत की अद्भुत छवि उभरकर सामने आयी। देश-विदेश के मंचों पर प्रस्तुति देने वाले युवा कलाकारों ने यहां प्रस्तुति दी। रविवार को भी शाम 6:30 बजे से इस उत्सव के तहत शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुति रंगायन में होगी।
शनिवार को गुरु प्रतिभा जेना सिंह की शिष्याओं सौरांशी,सुशोभना एवं जया मेहता की ओडिसी नृत्य प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। प्रस्तुति में भगवान शिव की आराधना के साथ उनके कई रूपों को दर्शाया गया। नृत्य का संगीत, कविता व नृत्य रचना गुरु सुरेन्द्रनाथ जेना ने तैयार किया।
अकोईजम सुरनजय सिंह ने दर्शकों को मणिपुरी नृत्य से रूबरू करवाया। गुरु धनरानी देवी से नृत्य की शिक्षा ले रहे है अकोईजम ने कृष्ण अभिसार पेश किया, यह रासलीला का हिस्सा है जिसमें इसमें भगवान कृष्ण को वृन्दावन में राधा व गोपियों के साथ नृत्य करते दर्शाया गया। इसके बाद रितिका बनर्जी ने भगवान जगन्नाथ पर आधारित भजन पर ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति दी।
छत्तीसगढ़ की इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के शिष्यों राजेंद्र कुमार, आसिफ हुसैन और तोशिता असाती ने भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुति दी। इन्होंने रागम् हंसध्वनी एवं तालम् आदि में निबद्ध कीर्तनम् पेश किया। इसमें गंगा के अनेका स्वरूपों के साथ गंगा अवतरण की कहानियां दर्शायी गयी। जया मेहता ने हनुमान चालीसा पर ओडिसी नृत्य प्रस्तुत किया। गुजरात के कृष्णा कथक केन्द्र के विद्यार्थियों रिद्धि राठौड़, मियूमना अमीन, अनन्या बरुआ, देवाशीष महाराणा एवं आकाश कुमार राय ने ताल तीन ताल में पारम्परिक कथक पेश किया।
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