अजमेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

अजमेर के किशनगढ़ स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान में एक लड़की का फोटो शेयर होने पर स्टूडेंट्स भड़क गए। आरोप है कि यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी ऑफिसर ने ही लड़की का फोटो दूसरे गार्ड के साथ शेयर किया।

इसकी शिकायत करने स्टूडेंट्स कुलपति के घर भी गए, लेकिन जब जवाब नहीं मिला तो हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद भड़के स्टूडेंट्स ने कैंपस में खड़ी एक गाड़ी में आग लगा दी और सिक्योरिटी ऑफिसर के केबिन में भी तोड़फोड़ की।

मामला गुरुवार रात करीब 9 बजे का है। इसके बाद देर रात करीब 1 बजे तक स्टूडेंट्स का विरोध प्रदर्शन चलता रहा। स्टूडेंट्स ने सुनवाई नहीं होने पर आज वापस आंदोलन की चेतावनी दी है। शिकायत के बाद किशनगढ़ पुलिस ने शुक्रवार सुबह आरोपी गार्ड राजपाल रेवाड़ को हिरासत में ले लिया है। अधिकारियों का कहना है कि उससे पूछताछ की जा रही है।

लड़कियों के फोटो लेने और नजर रखने का आरोप

स्टूडेंट्स ने बताया कि सिक्योरिटी ऑफिसर ने यूनिवर्सिटी की ही एक लड़की की फोटो ली थी। इसके बाद उसे एक गार्ड के साथ शेयर किया। इसके साथ उसे इस लड़की के बारे में पता करने की बात भी लिखी। ये जानकारी मिलने के बाद से स्टूडेंट्स में गुस्सा है। आक्रोशित स्टूडेंट कार्रवाई करने की मांग को लेकर कुलपति के घर पहुंचे। लेकिन, जब यहां उन्हें किसी ने कोई जवाब नहीं दिया तो वे भड़क गए।

लड़कियां बोलीं- जो उसे पसंद आ जाती उसकी फोटो खींचता

धरने पर बैठे स्टूडेंट्स ने गंभीर आरोप लगाए हैं। एक लड़की ने बताया कि हमारे यहां बहुत बुरा हो रहा है और यहां के सिक्योरिटी ऑफिसर की हरकतें सही नहीं है। शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है।

उसे जो लड़की अच्छी लगती है वह उसकी फोटो खींचता है और उसके बारे में पता करवाता है। आरोप है कि आरोपी गार्ड ने लड़कियों पर नजर रखने के लिए अलग से कैमरे भी लगा रखे हैं। जिस लड़की ने ये आरोप लगाए उसका कहना है कि उसने मेरे ऊपर भी नजर रखी और फोटो खींची।

स्टूडेंट ने यूनिवर्सिटी की महिला गार्ड पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि जब हमे पता चला तो गार्ड दीदी का फोन जबरन लिया तो उनके फोन में भी वो फोटो थी पूछने पर उन्होंने सब कुछ कबूल भी कर लिया। हमने पहले भी आरोप लगाए, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। स्टूडेंट्स का कहना है कि आरोपी गार्ड उन्हें ब्लैकमेल करता है और अब उसका यहां से सस्पेंशन चाहिए।

वहीं, एक अन्य स्टूडेंट का कहना है कि इसकी शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। ये सभी डिवाइस एफएसएल टीम को भेजी जाए। मामले की पूरी निष्पक्ष जांच भी होनी चाहिए। इससे पहले भी सलोनी नाम की एक स्टूडेंट ने सुसाइड किया था। उस मामले की भी जांच होनी चाहिए।