इस बार मानसून जून-जुलाई में जितना बरसा, अगस्त में उतना ही कमजाेर रहा। जुलाई आखिर तक के आंकड़ाें से लग रहा था, इस बार भी औसत से ज्यादा बारिश हाेगी, लेकिन एकदम उल्टा हुआ। दस साल में पहली बार सबसे कम बारिश इस अगस्त में हुई। मानसून सीजन के दाैरान अगस्त में औसत बारिश का आंकड़ा 114 मिमी है, जबकि इस बार केवल 30.92 मिमी ही पानी बरसा।
माैसम विभाग ने आगे सितंबर के पहले हफ्ते तक काेई नया सिस्टम एक्टिव नहीं हाेने के आसार जताए हैं। इससे बारिश कम और पारा बढ़ेगा। बीते 4-5 दिन में अधिकतम तापमान 5 डिग्री तक बढ़कर 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इस पूरे सीजन में अब तक कुल 452.04 मिमी बारिश हाे चुकी है जो कि औसत से केवल 2.6 फीसदी ज्यादा है।
आगे बारिश की संभावना कम
मानसून ट्रफ लाइन अभी हिमालय से होकर गुजर रही है। एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन उत्तर-पूर्वी भारत की तरह बना हुआ है। इससे वर्तमान में उत्तराखंड, बिहार, यूपी के कुछ हिस्से और हिमाचल प्रदेश के अलावा नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में बारिश हो रही है। राजस्थान समेत मध्य भारत के कई हिस्सों में अभी कोई वेदर सिस्टम एक्टिव नहीं है। इससे यहां अगले एक सप्ताह तक अच्छी बारिश नहीं होगी।
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