राज्य सरकार की ओर से जिले को आवंटित की गई मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब गुरुवार को विधिवत रूप से शुरू हो गई। इंस्टॉलेशन के बाद सीएमएचओ डॉ. मनमोहन गुप्ता ने लैब का निरीक्षण किया और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस मौके पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी हेतराम खुड़िया, हंसराज गोदारा एवं कंवरपाल सिंह सहित सीओआईईसी विनोद बिश्नोई सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
सीएमएचओ डॉ. गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा तीन अगस्त को जयपुर से हरी झंडी दिखाकर 25 जिलों के लिए मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब रवाना की गई, जो शुद्ध खाद्य पदार्थ सामग्री को लेकर एक बड़ी सौगात है। जिले के उपभोक्ता अब मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच मौके पर ही करवा सकेंगे। केवल 10-15 मिनट में यह पता चल जाएगा कि उन पदार्थों में कितनी मिलावट है। रिपोर्ट आने के बाद विभाग की टीम संबंधित दूषित खाद्य सामग्री को मौके पर ही नष्ट करवा सकेगी। यह मोबाइल वैन मिलावटी पदार्थों की जांच के साथ-साथ उपभोक्ताओं और व्यापारियों को मिलावट को लेकर जागरुक भी करेगी। यह लैब निर्धारित शैड्यूल के तहत अलग-अलग जगहों, बाजारों, मेलों और बड़े-बड़े समारोह में भेजी जाएगी। आमजन मौके पर ही खाद्य पदार्थों की शुद्धता की निशुल्क जांच कराकर रिपोर्ट ले सकेंगे। शैड्यूल के अनुसार क्षेत्र का कोई भी उपभोक्ता मौके पर दूध, दूध से बने पदार्थ, आटा, दाल, चावल, तेल, घी, मसाले, ठंडे पेय पदार्थ तथा पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की जांच करा सकेगा। सीओआईईसी विनोद बिश्नोई ने बताया कि सरकार ने चिकित्सा विभाग श्रीगंगानगर को लगभग 35 लाख रुपए की एक मॉर्डन फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स उपलब्ध करवाई है। मोबाइल लैब में मिल्क एनालाइजर, हॉट एयर ओवन, हॉट प्लेट, मिक्सर ग्राइंडर, डिजिटल वेइंग स्केल, डिजिटल मल्टी पैरामीटर, हेड हेल्ड मीटर, डिजिटल रिफ्रेक्टोमीटर आदि उपकरण मौजूद हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा दूध में फैट की मात्रा, मिलावट वाले स्टार्च, यूरिया, पानी में जीएच, टीडीएस, कंडक्टिविटी जैसे रसायनों की जांच मौके पर ही की जा सकेगी। सुरक्षा के संबंध में जनता को व्यापक स्तर पर जागरूक करने के लिए एलईडी, रिपोर्ट देने के लिए प्रिंटर व डेटा के लिए कंप्यूटर उपलब्ध रहेगा। वैन विशेष आयोजनों पर ऑन डिमांड भी लगाई जा सकेगी ताकि खाद्य पदार्थों की जांच हो सके।
0 टिप्पणियाँ