जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

विनोद मित्तल कर्मचारी चयन बोर्ड ने शुक्रवार को फर्जी डिग्री और प्रमाण पत्रों पर नौकरी लगने का प्रयास करने वालों को आजीवन भर्तियों से अयोग्य किया जाएगा। पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून बनने के बाद प्रदेश में फर्जी डिग्रियों और प्रमाण पत्रों का कारोबार विकसित हो रहा था।

कई भर्तियों में जांच में प्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़ा सामने भी आया था। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही थी। लेकिन अब फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थी भविष्य में बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेंगे।

दैनिक भास्कर ने 10 अगस्त के अंक में खबर प्रकाशित कर इस मुद्दे को उठाया था कि फर्जीवाड़ा करने वालों पर एफआईआर दर्ज हो और उनको भर्तियों से अयोग्य किया जाए। इसके बाद बोर्ड अध्यक्ष हरि प्रसाद शर्मा ने इस पर एक्शन लिया। शर्मा ने कहा कि भर्तियों में खेल प्रमाण पत्र, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, डिग्री, डिप्लोमा या अन्य प्रमाण पत्र अगर जांच में फर्जी पाए गए तो ऐसे अभ्यर्थियों को बोर्ड की भविष्य में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं से अयोग्य किया जाएगा।

सरकार ने मनचलों को भी भर्तियों से किया है बाहर
युवतियों से छेड़छाड़ की घटनाओं पर कड़ा रुख दिखाते हुए पिछले दिनों सीएम अशोक गहलोत ने घोषणा की थी कि मनचलों के नाम आरपीएससी, चयन बोर्ड और कोचिंग संस्थानों को भिजवाएं जाएंगे ताकि उनका इलाज हो सके।

हरि प्रसाद शर्मा ने पिछले महीने बोर्ड अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि इससे फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा और योग्य अभ्यर्थियों का चयन होगा। भर्तियों से अयोग्य होने के डर से अभ्यर्थी फर्जीवाड़ा करने की हिम्मत नहीं करेंगे। गौरतलब है कि सहायक रेडियोग्राफर भर्ती, लैब टेक्नीशियन भर्ती, पीटीआई भर्ती समेत कई भर्तियों में फर्जी प्रमाण पत्र लगाने वाले अभ्यर्थी पकड़े जा चुके हैं।