जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

प्रदेश की सभी बार एसोसिएशन के चुनाव एक दिन कराने की बात राजस्थान हाई कोर्ट ने कहीं है। मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह की खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए बार काउंसिल ऑफ राजस्थान से पूछा है कि क्या वे प्रदेश की सभी बार एसोसिएशन के चुनाव एक दिन कराने की मंशा रखती हैं। जिससे "वन वोट वन बार" का नियम पूरी तरह से लागू हो सके।

दरअसल हाई कोर्ट आज अधिवक्ता बलराम जाखड़ व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इन याचिकाओं में दी बार एसोसिएशन जयपुर में चल रही चुनावी प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी।

क्या है पूरा विवाद
दरअसल दी बार एसोसिएशन जयपुर के चुनाव 28 अगस्त को होने हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार यह चुनाव "वन वोट वन बार" के नियमों के तहत कराए जा रहे है। नियमों के तहत एक अधिवक्ता एक ही बार में वोट कर सकता हैं। मतलब अगर किसी अधिवक्ता ने किसी एक बार एसोसिएशन के चुनावों में वोट डाल दिया है तो वह पूरे साल दूसरी बार एसोसिएशन के चुनावों में वोटिंग नहीं कर सकता हैं।

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यहां साल का मतलब कैलेंडर ईयर से होना चाहिए। जबकि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान का कहना है कि यहां साल का मतलब प्रीसाइडिंग ईयर से माना जाना चाहिए। वरना तो किसी बार के चुनाव अगर दिसम्बर में होंगे तो एक अधिवक्ता वहां भी वोट कर लेगा। वहीं अगले साल जनवरी में होने वाले दूसरे बार के चुनावों में भी वोट दे सकेगा। ऐसे में वन वोट वन बार का सिद्धांत कभी लागू ही नहीं हो पाएगा।

हाई कोर्ट ने कहा- समस्या का एक ही हल है
इस सवाल के जवाब में हाई कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि इसका तो एक ही समाधान है कि प्रदेश की सभी बार एसोसिएशन के चुनाव एक ही दिन कराए जाए। जिससे जिस अधिवक्ता को जिस बार में वोट देना हो। वह उसका चयन कर सके।

कोर्ट ने कहा कि आप अधिवक्ता बुद्धिजीवी है। आप आपस में बात करके यह तय कर लीजिए कि क्या ऐसा करना संभव हैं। वहीं बार काउंसिल ऑफ राजस्थान को कोर्ट ने कहा है कि वह 24 तारीख तक अपने मत से कोर्ट को अवगत कराए।