जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जयपुर में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के डॉक्टर से 50 लाख रुपए मांगने का केस सामने आया है। वॉट्सऐप कॉल कर डॉक्टर से रंगदारी मांगी घई। धमकी मिलने के बाद डॉक्टर सुनीत शाह ने जवाहर सर्किल थाने में केस दर्ज करवाया है। रिपोर्ट मिलते ही पुलिस भी वॉट्सऐप कॉल का आईपी एड्रेस ट्रेस करने में लगी है। मामले की जांच जवाहर सर्किल थाने के सब इंस्पेक्टर फूलचंद को दी गई है।

जवाहर सर्किल थाने के सब इंस्पेक्टर फूलचंद ने बताया- डॉक्टर सुनीत शाह ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्हें 24 अगस्त को दोपहर 3.25 बजे वॉट्सऐप कॉल आया। वॉट्सऐप पर फोन करने वाले ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का आदमी बताया। आरोपी ने धमकी दी की कल दोपहर यानी 25 तारीख को दोपहर 2 बजे 50 लाख रुपए लेकर तैयार रखें। नहीं तो उसे जान से मार देगा।

धमकी मिलते ही पुलिस को सूचना दी

इस पर डॉक्टर ने तत्काल प्रभाव से पुलिस कंट्रोल रूम को घटना की जानकारी दी। कंट्रोल रूम पुलिस ने डॉक्टर सुनीत शाह को जवाहर सर्किल थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कहा। जवाहर सर्किल थाने पहुंचे डॉक्टर सुनीत ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एक्सटॉर्शन की शिकायत दी। पुलिस ने वॉट्सऐप नंबरों के आधार पर एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। जानकारी में आया है कि इस तरह की धमकी फोन पिछले कई समय से लोगों को मिल चुकी हैं। पुलिस भी अब इन मामलों को ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रही।

लॉरेंस गैंग के नाम से कई बदमाश चला रहे दुकानदारी

सीनियर पुलिस ऑफिसर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया- लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से कई लोग अपनी दुकानदारी चला रहे हैं। यह लोग इंटरनेशनल कॉल कर लोगों को धमकाते हैं। इससे की इन तक पैसा पहुंच जाए। पैसा मिलने के बाद ये लोग फोन कॉल करना बंद कर देते हैं। इस तरह की कई घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। इसलिए अगर किसी को किसी भी बदमाश के नाम पर धमकी भरा कॉल आए तो वह तत्काल प्रभाव से संबंधित थाना पुलिस को इसकी सूचना दें।डरने की कोई जरूरत नहीं हैं। सूचना मिलने पर पुलिस अपने स्तर पर थ्रेट कॉल आने वाले इन नंबरों की जांच करती है जिसे बाद में पता चलता है कि यह नंबर फेक है।

जयपुर में G-क्लब पर फायरिंग मामले में जयपुर कमिश्नरेट पुलिस करीब 6 महीने पहले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को चंडीगढ़ (पंजाब) से जयपुर लेकर आई थी। पंजाब के चंड़ीगढ से प्रोडक्शन वारंट पर लॉरेंस को अरेस्ट किया गया था। पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में लॉरेंस को बख्तरबंद गाड़ी में जयपुर लाया गया था। पूछताछ के बाद उसे वापस चंदीगढ़ पुलिस को सौंप दिया गया था।

जवाहर सर्किल की अरविंद सिंह चारण ने बताया- शिकायत मिलने पर तत्काल प्रभाव से फिर दर्ज की गई डॉक्टर के द्वारा दिए गए वॉट्सऐप नंबर की जांच के लिए आईटी विभाग के पास भेज दिया गया है। आईटी विभाग से आईपी ऐड्रेस के बारे में जानकारी मिलने पर पुलिस आगे की जांच करेगी। वही डॉक्टर की सुरक्षा के लिए सादा वर्दी में पुलिसकर्मी उनके घर के आसपास तैनात किए गए हैं।