जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के वंशवाद और कन्हैयालाल पर दिए बयानों पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गाेविंद सिंह डोटासरा ने पलटवार किया है। डोटासरा ने कहा-अमित शाह कह रहे हैं अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन वे भूल गए कि वसुंधरा राजे दोनों बार केंद्र में अपने बेटे दुष्यंत सिंह को मंत्री बनाना चाहती थीं। डोटासरा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

डोटासरा ने कहा- जेपी नड्डा और अमित शाह कांग्रेस पर परिवारवाद की पार्टी का आरोप लगाते हैं लेकिन येदियुरप्पा और राजनाथ सिंह का बेटा विधायक, वसुंधरा राजे का बेटा सांसद, प्रमोद महाजन की बेटी सांसद ये कौन हैं। किरण माहेश्वरी की बेटी को उपचुनावों में क्या टिकट नहीं दिया। इसके बाद बीजेपी कैसे कह सकती है कि उनके यहां परिवारवाद नहीं होता। अमित शाह यह घोषणा करें कि वे किसी नेता के परिवार के सदस्य को टिकट नहीं देंगे, उसके बाद ही ऐसी बात उठानी चाहिए।

राठौड़ ने जानबूझकर वसुंधरा राजे का नाम नहीं लिया

डोटासरा ने कहा- राजेंद्र राठौड़ ने वसुंधरा राजे को निपटाने के लिए प्रोटोकॉल में वसुंधरा राजे की स्पीच होने के बावजूद उनका नाम नहीं लिया। ऐसे में अमित शाह पहले अपनी पार्टी के लोगों को ठीक करें और उनकी पार्टी में जो गड़बड़ चल रही है उस पर ध्यान दें।

एनआईए कन्हैया के हत्यारों को फांसी तक नहीं पहुंचा सकी

डोटासरा ने कहा- अमित शाह ने बीजेपी की नीति के अनुसार हिंदू-मुस्लिम कर कैसे दोबारा माहौल बनाया जाए इसका प्रयास किया। कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दे दी गई। उस परिवार को जो सहायता मिली वह राजस्थान के इतिहास में सबसे बड़ी सहायता थी। परिवार भी पूरी तरह संतुष्ट था लेकिन पुलिस से यह मामला लेकर एनआईए ने अपने हाथ में लिया। उसमें कुछ नहीं हुआ यह उनकी विफलता है। अब तक कन्हैयालाल के हत्यारे फांसी के फंदे पर नहीं पहुंच पाए ।

डोटासरा ने कहा- अमित शाह अपनी गलती छुपा कर केवल धार्मिक उन्माद फैलाकर विधानसभा चुनाव में राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं। अमित शाह विपक्ष की बैठक के बाद से बौखलाए हुए हैं क्योंकि उन्हें पता चल चुका है कि बीजेपी का जो हाल पंजाब, हिमाचल और कर्नाटक में हुआ वही राजस्थान ,छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में होगा।

मणिपुर जल रहा था पीएम पर्यटक बनकर विदेशों में घूम रहे थे

डोटासरा ने कहा- जब मणिपुर जल रहा है उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्यटक बनकर विदेशों में घूम रहे होते हैं। अमित शाह जो खुद गृहमंत्री हैं वह अपने बयानों से आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। बीजेपी धारा 370 की बात करती है, अगर उसके बाद सब कुछ ठीक हुआ है तो कश्मीर में चुनाव क्यों नहीं करवाए गए?