जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

पुलवामा शहीद की वीरांगानाओं के धरने के मामलें में राष्ट्रीय मानवाधिकार आय़ोग की टीम ने जांच शुरू कर दी हैं। आयोग की तीन सदस्यीय टीम जयपुर में हैं। आज टीम ने राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा के बयान दर्ज किए। पूरे मामलें में परिवादी तनिष्क शिवानन्द ने शिकायत दर्ज कराई थी कि धरने पर बैठी वीरांगानाओं और राज्यसभा सांसद व सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने अभ्रदता की है।

इस मामलें में आज राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा सर्किट हाउस पहुंचे। यहां किरोड़ीलाल मीणा ने आय़ोग की तीन सदस्यीय टीम को बयान रिकोर्ड करवाए। सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने उनके साथ सामोद थाना क्षेत्र में हुई अभद्रता औऱ वीरांगनाओं के साथ हुई अभ्रदता की जानकारी दी। यह पूरा मामला प्रदेश में चर्चित रहा था। बीजेपी सहित पूरे विपक्ष ने इस मसले पर सरकार को जमकर घेरा था।

वीरांगानओं के धरने पर हुई थी जमकर सिसायत
दरअसल यह पूरा मामला पुलवामा शहीद की वीरांगनाओं से जुड़ा हुआ हैं। पुलवामा अटैक में शहीद हुए जीतराम गुर्जर की पत्नी सुन्दरी देवी, शहीद रोहिताश लाम्बा की पत्नी मंजू जाट और शहीद हेमराज मीना की पत्नी मधुबाला मीना की मांगों को लेकर राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने 28 फरवरी को विधानसभा पर धरना दिया था। इसके बाद किरोड़ी तीनों वीरांगनाओं को लेकर शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे। उसके बाद उन्होंने सचिन पायलट के घर के बाहर धरना देना शुरू कर दिया था। इस दौरान सीएम हाउस की ओर आगे बढ़ने पर वीरांगानओं ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उनके साथ अभ्रदता की हैं। इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।

इसके बाद अचानक 4 मार्च को वीरांगनाओं का धरना समाप्त हो गया। इस पर वीरांगनाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें रात 3 बजे धरना स्थल से जबरन उठा दिया। वहीं मना करने पर पुलिसकर्मियों ने हमारे साथ अभ्रदता की। वहीं 10 मार्च को जब सासंद किरोड़ीलाल मीणा एक वीरांगना से मिलने चौमू की तरफ जा रहे थे। तब सामोद थाना क्षेत्र में पुलिस ने उन्हें रोक लिया था। इस पर भी सांसद ने पुलिस पर अभ्रदता करने का आरोप लगाया था।