जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) मुख्यालय ने राजस्थान लोक सेवा आयोग(आरपीएससी) अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय और सदस्य बाबूलाल कटारा सहित 23 लोगों को नोटिस जारी किए हैं। ये नोटिस ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए दिए हैं। इन सभी को अलग-अलग समय बुलाया गया है।

जानकारी के अनुसार ईडी 15 जून से पहले पूछताछ पूरी करने वाली है। दिल्ली से आई टीम ने अब तक हुए जब्त दस्तावेज की पड़ताल लगभग पूरी कर ली है। जिसके बाद ईडी ने यह नोटिस जारी किए हैं।

पहले चरण में आरपीएससी अध्यक्ष और सदस्य से शुक्रवार को पूछताछ होगी। संभावना है कि ईडी आरपीएससी अध्यक्ष से सवाल पूछ सकती है कि पिछले पेपरलीक के प्रकरणों में उनके द्वारा क्या किया गया? अगर उन्हें पता नहीं चला कि पेपरलीक कैसे हो रहा था तो फिर वह उस सीट पर क्या कर रहे थे? अगर उन्हें पता था कि पेपर कैसे लीक हो रहे हैं तो उनके द्वारा कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की गई? कटारा या किसी भी सदस्य की भूमिका अगर संदिग्ध थी तो क्या उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री को की। अगर नहीं की तो किस वजह से वह इन गंभीर मामले को लेकर बैठे हुए थे।

बाबूलाल कटारा से भी उनके सदस्य बनने की योग्यता को लेकर सवाल पूछे जाने हैं। ईडी को शक है कि सीनियर टीचर भर्ती के पेपरलीक से पहले हुए एग्जाम में भी कटारा का हाथ रहा है। एसओजी ने उसकी गिरफ्तार की। हालांकि कटारा से पूर्व के पेपरलीक प्रकरणों के बारे में भी किसी एजेंसी ने अब तक पूछताछ ही नहीं की।

कौन मिलता था, पिछले 6 महीने का रिकॉर्ड तैयार हो चुका
सूत्रों की मानें तो ईडी ने आरपीएससी अध्यक्ष, आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, सीनियर टीचर भर्ती पेपरलीक के मास्टरमाइंड सुरेश ढाका सहित कुछ लोगों की डिटेल निकाली है। इन लोगों के संपर्क में कौन-कौन लोग थे. जो इनसे रोजाना मिला करते थे। उन लोगों की सूची अलग बनी है, जिनका कार्यालय और घर पर आना-जाना था।

वहीं सुरेश ढाका राजस्थान के दो मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट के संपर्क में था। संभावना है कि आने वाले कुछ दिनों में उन से भी ईडी पूछताछ कर सकती है।

कोचिंग सेंटर संचालक भी जानकारी ईडी तक पहुंचा रहे
राजस्थान में दस्तक देने के बाद कोचिंग संचालकों को भी लगने लगा है कि ईडी बड़े मगरमच्छों को पकड़ने वाली हैं। जिसके बाद राजस्थान के नामी कोचिंग सेंटर संचालक भी ईडी कार्यालय के आसपास दिखाई देने लगे हैं। ये कोचिंग संचालक ढाका के संरक्षण में चल रहे कोचिंग सेंटर्स के अभ्यर्थियों की जानकारी ईडी को दे रहे हैं।

कुछ सेंटरों ने तो एग्जाम में पास होने के बाद नौकरी लग चुके अभ्यर्थियों की जानकारी ईडी को दी हैं। यह सब कुछ इसीलिए हुआ क्योंकि ढाका की आरपीएससी सदस्यों से सीधी बात होती थी। वह जिसे चाहता पैसा लेकर नौकरी लगा देता था।