अलवर जिले में किसानों का अनाज सरकारी खरीद पर आधा अधूरा ही खरीदा गया है। हालात ये हैं कि अनाज खरीदने के लिए क्रिय-विक्रय सहारी समिति के पास बारदाना नहीं है। इस कारण जिले भर में सरकारी खरीद बीच में ही अटक गई है। राजगढ़ में एक महीने से बारदाना नहीं था। बानसूर खरीद का सब सेंटर है। लेकिन यहां रजिस्ट्रेशन नहीं कराए गए। इस कारण बानसूर सरकारी खरीद से दूर हो गया। किसानों को परेशान होकर दूर के सेंटर पर जाना पड़ा।
राजगढ़ के अधिकारी की जुबां सुनिए: डेढ़ महीने से बारदाना नहीं
क्रय-विक्रय सहकारी समिति राजगढ़ के मैनेजर कैलाश मीनाने कहा कि 17 मई को बारदाना खत्म हो गया था। अब तक नहीं मिला है। पहले 8 हजार कट्टे आए थे। वो खरीद लिया गया। अब सरसों का बारदाना नहीं मिला है। कम से कम 50 हजार बैग की जरूरत है। लेकिन डेढ़ महीने से बारदाना नहीं है। बाजार की तुलना में समर्थन मूल्य अधिक है। लेकिन इधर बारदाना नहीं होने के कारण किसानों की सरसों की खरीद अटकी पड़ी है। कोई सुनने वाला नहीं है।
अब किसान से सुनिए: रात को आ गए थे
राजगढ़ के किसान रामनिवासी मीना ने कहा कि रात करीब 3 बजे राजगढ़ खरीद केंद्र पर आ गए थे। 2 हजार रुपए में किराए पर ट्रैक्टर लेकर आए थे। ट्रैक्टर चने से भरा हुआ है। वहां 10 से 15 ट्रैक्टर दो दिन खड़े रहे। यहां ट्रैक्टर आने के बाद खरीद नहीं हो पा रही है। ऊपर से बारिश आने का डर है। सरकारी भाव व बाजार भाव में अंतर है। इस कारण खरीद केंद्र पर बेचना चाहते हैं। इस बार सरकार चने की गुणवत्ता को कमजोर बता खरीदने से बच रही है। किसान परेशान हैं।
किसानों की आवाज: सरकार अनाज खरीदने में फेल
चांद किरण यादव ने कहा कि सरकार की ओर से सरसों अनाज खरीदने में फेल है। बारदाना के अभाव में ढंग से सरसों की खरीद नहीं हो सकी है। सरकार बिना प्लान के खरीद करने में फेल हो गई। खैरथल, लक्ष्मणगढ़ व राजगढ़ सहित अनेक जगहों पर बारदाना नहीं है। बानसूर में चने व सरसों का खरीद केंद्र नहीं है। जबकि बानसूर तो मंत्री का क्षेत्र है। मालाखेड़ा में बारदाना भेजा गया है। अब बारदाना नहीं होने से किसान परेशान है। आगे चुनाव है। फिर भी सरकारी खरीद में सरकार फेल है।


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