देवस्थान विभाग की और से रविवार को देवदर्शन पदयात्रा पहली बार जोधपुर में हुई। शहर के जूनी मंडी स्थित गंग श्यामजी मंदिर से शुरू हुई पूजा अर्चना के साथ पदयात्रा शुरू हुई। मंत्री शकुंतला रावत ने गायत्री यज्ञ में आहुतियां भी दीं।
इस दौरान मंदिर के पुजारियों ने मंत्री का स्वागत किया। यहां से पदयात्रा रवाना होकर घनश्याम मंदिर पहुंची। भगवान कृष्ण और राधा की प्रतिमा लेकर मंत्री सबसे आगे चल रही थीं। वहीं भक्तों की टोलियां भगवान कृष्ण और राधा के भजन गाते हुए साथ चल रही थीं।
भगवान के इन भजनों के बीच ये यात्रा निकाली तो हर किसी ने पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया। पदयात्रा अचलनाथ महादेव मंदिर, कुंज बिहारी, पातालेश्वर, गंगेश्वर, तिजा माजी मंदिर होते हुए घंटाघर पहुंचकर संपन्न हुई। यहां सच्चियाय माता मंदिर ट्रस्ट की ओर से मंत्री रावत का स्वागत किया गया।
मंत्री रावत ने बताया इस पदयात्रा का उद्देश्य हमारे प्राचीन मंदिरों के बारे में जानना और लोगों को इनके ऐतिहासिक महत्व के बारे में बताना है। इसके लिए विभाग की और से बुकलेट भी छपवाई गई है। इससे पूर्व जयपुर और उदयपुर में भी ये पदयात्रा निकाली जा चुकी है।
मंत्री रावत ने बताया सरकार मंदिरों के विकास को लेकर कई कार्य कर रही है। राजस्थान के 593 मंदिरों के रंग रोगन और पोशाक के लिए 593 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति सरकार ने जारी की हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थ यात्रा भी करवाई जा रही हैं जिसका भी लोगों में जबरदस्त उत्साह है।
देवस्थान विभाग की मंत्री रावत के साथ शहर विधायक मनीषा पंवार, महापौर कुंती देवड़ा, संगीता बेनीवाल, सुनील परिहार, शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भानु व्यास सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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