बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट।
बीकानेर और आस-पास के इलाकों में रविवार को आसमान में अनोखा नजारा दिखा। यहां सूरज के आसपास एक रिंग नजर आई। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए लोग छतों पर चढ़ गए। बीकानेर में रहस्यमय अंगूठी कुछ घंटों के लिए देखी गई। लोगों ने इस घटना को कैमरे में कैप्चर और रिकॉर्ड कर लिया। रविवार को 11 बजे से लेकर 12.30 बजे तक यह नजारा दिखा। दरअसल, सूरज के चारो तरफ बने इंद्रधनुष को प्रभामंडल कहते हैं, जो किसी अंगूठी की तरह दिखता है।
नौतपा के बीच बीकानेर में आज तेज गर्मी की बजाय बादलों का डेरा रहा। पिछले कई दिनों से लगातार बारिश और तूफान के बीच रविवार को भी सुबह आसमान में बादल छाए रहे। एक तरफ बादल और दूसरी तरफ तेज धूप से गर्मी व उमस बढ़ गई। इसी बीच अचानक आसमान में रिंग नजर आई। सूर्य के चारों तरफ गोला बन गया। बीच में सूर्य की चमक इतनी तेज कि आंखों से कुछ क्षण से ज्यादा न देखा जा सके।
क्यों बनता है ऐसा गोला?
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल कुमार छंगाणी ने बताया कि यह एक खगोलीय घटना है। सूर्य और चंद्रमा का खूबसूरत गोलाकार प्रभामंडल कई बार बनता है। 22 डिग्री एंगल पर सूर्य और चंद्रमा एक-दूसरे से मिलते हैं। यह दृश्य सूर्य या चंद्रमा की रोशनी से नहीं, बल्कि एटमॉस्फेरिक आइस क्रिस्टल और लाइट के रिफ्लेक्शन से बनता है। 22 डिग्री का यह वलय (रिंग) है जो प्रकाश के फैलाव के कारण दिखाई देता है। सूर्य के प्रभामंडल को 22-अंश-अंगूठी प्रभामंडल भी कहा जाता है।
बर्फ के क्रिस्टल से गुजरता है
सफेद प्रकाश ऊपरी स्तर बादलों में पाए जाने वाले अद्वितीय हेक्सागोनल बर्फ के क्रिस्टल से होकर गुजरता है, जिससे प्रभामंडल में रंग होते हैं। जब सूर्य का प्रकाश इन क्रिस्टलों में प्रवेश करता है तो यह मुड़ जाता है या अपवर्तित हो जाता है। सूरज का प्रभामंडल इससे पहले प्रयागराज, बेंगलुरु, केरल और रामेश्वरम में भी देखा गया था।
यह नजारा देखने वाले अनंत श्रीमाली का कहना है कि जीवन में पहली बार सूर्य के चारो तरफ रिंग बनी हुई देखी। यह अद्भुत नजारा था। करीब 1 घंटे तक यह रिंग बनी रही। सूर्य की तेज किरणों के बावजूद इसे देखने का प्रयास किया।
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