श्रीगंगानगर ब्यूरो रिपोर्ट।
दी गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक की ओर से सहकारी समितियाें के जरिए पूर्व में वितरित अल्पकालीन ऋण की वसूली के लिए 30 जून तक का समय दिया गया है। 30 जून से पहले बकाया ऋण जमा करवाने वाले किसानाें काे ब्याज मुक्त ऋण का लाभ पुन: मिल सकेगा। ऐसे किसानाें के ब्याज का अनुदान राज्य सरकार की तरफ से दिया जाएगा।
यदि कोई किसान 30 जून तक अपने खाते को रिन्यूअल नहीं करवाता है तो उसे ऋण वितरण की तारीख से ब्याज स्वयं के स्तर पर वहन करना हाेगा। बैंक के एमडी संजय गर्ग ने बताया गया कि अब भी जिले के लगभग 23000 काश्तकार ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक अपने पुराने ऋण की वसूली नहीं करवाई है। उन सदस्य को पुराने ऋण का भुगतान करते ही नई फसली (खरीफ 2023 अंतर्गत) ऋण का वितरण 5 प्रतिशत वृद्धि के साथ किया जा रहा है।
ऋण वसूली के लिए समिति व्यवस्थापक को बैंक की ओर से किसानाें की सुविधा अनुसार सुबह जल्दी काम शुरू करते हुए शाम काे देर तक वसूली व वितरण कार्य के निर्देश िदए गए हैं िजससे शत-प्रतिशत िकसानाें काे याेजना का लाभ मिल सके। उन्हाेंने बताया कि ऋण वितरण वसूली का काम पोर्टल के माध्यम से किया जाता है। इसके लिए काश्तकार को समिति व्यवस्थापक के पास पहुंचकर अंगूठा लगाते हुए खाते को रिन्यूअल करवाना होता है। यह ऑनलाइन कार्य बैंक समय के अतिरिक्त कार्य में भी हो सकता है।
पांच नाेडल अधिकारी लगाए
बैंक के एमडी संजय गर्ग की ओर से सभी काश्तकारों से अल्पकालीन ऋण खाते को सोसायटी में पहुंचकर 30 जून से पूर्व रिन्यूअल करवा लेने के लिए कहा है ताकि उन्हें समय रहते ब्याज मुक्त ऋण का लाभ मिल सके। उन्हाेंने बताया िक बैंक की ओर से ऋण वितरण वसूली की सतत मॉनिटरिंग की जा रही है। इस काम को सुनियोजित तरीके से करने के लिए बैंक ने पांच नोडल अधिकारी भी लगाए हैं, जो दैनिक रूप से शाखाओं और समिति व्यवस्थापकों से वार्ता कर कार्य को त्वरित गति से करवाने में सहयोग कर रहे हैं।
23 हजार काश्तकाराें से हाेनी है 93 कराेड़ की वसूली
जीकेएसबी की ओर से जिले में 336 ग्राम सेवा सहकारी समितियाें के मार्फत 1 अप्रैल तक 121394 काश्तकारों में 562.17 करोड रुपए की वसूली की जानी थी। इसमें से अब तक 98000 सदस्यों से 470 करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है। लगभग 23000 सदस्यों से 93 करोड़ की अभी वसूली की जानी है, िजसके लिए किसानाें काे 5 प्रतिशत अधिक ऋण राशि का लाभ देने के साथ प्रेरित किया जा रहा है।
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