जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान के सफाई कर्मचारियों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को संयुक्त वाल्मीकि संघ और सफाई श्रमिक संघ के पदाधिकारियों ने स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक ह्रदेश कुमार शर्मा को 5 सूत्री समझौते के वादों को पूरे करने की मांग की।

सफाई श्रमिक संघ पदाधिकारियों ने कहा कि इससे पहले जब हम लंबित भर्ती समेत दूसरी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे थे। तब सरकार के आला अधिकारियों ने 5 मांगों पर समझौता कर हड़ताल खत्म करवाई थी। लेकिन 2 महीने का वक्त बीत गया है।

अब तक समझौता पत्र की एक भी मांग पूरी नहीं हुई है। ऐसे में अगर अगले 7 दिनों में हमारी मांग पूरी नहीं हुई, तो हम प्रदेशभर में उग्र आंदोलन करेंगे।

संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने कहा कि बजट में मुख्यमंत्री गहलोत ने 30,000 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती करने का वादा किया था। लेकिन सिर्फ 13,184 पदों पर ही भर्ती की जा रही है।

वहीं वर्तमान में निकली भर्ती में कई ऐसे जिले हैं, जहां एक पद पर भी सफाई कर्मचारी की भर्ती नहीं हो रही। जिसमें यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का गृह क्षेत्र कोटा भी शामिल है।

ऐसे में 30,000 पदों पर शेष रहे 16 हजार से ज्यादा पदों पर भी भर्ती विज्ञप्ति जारी की जाए। वहीं सफाई कर्मचारियों के साथ हुए समझौता पत्र की 5 मांगों को भी पूरा किया जाए। इन मांगों को पूरा करने के लिए हम सरकार को 7 दिन का वक्त दे रहे हैं।

अगर, अगले 7 दिन में सरकार ने इन मांगों को पूरा नहीं किया, तो प्रदेशभर के सफाई कर्मचारी सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे। जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।

5 मांगों को लेकर आंदोलन की चेतावनी

  • बजट 2023-24 के अनुरूप सफाई कर्मियों के 30 हजार पदों की भर्ती सक्षम स्वीकृति के बाद की जाएगी।
  • भर्ती प्रक्रिया में सफाई का परम्परागत रूप से कार्य करने वाले वर्ग जैसे मेहतर, हेला और वाल्मीकि समाज के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • भर्ती प्रक्रिया में नियमों को बनाए जाते समय नगर पालिका भर्ती दिशा-निर्देश 2013 में वर्णित भर्ती संबंधी प्रावधानों के बिंदु संख्या 13 को दृष्टिगत रखा जाएगा।
  • अंतिम रूप से नियम प्रकाशन से पहले संयुक्त वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ से सलाह ली जाएगी।
  • हड़ताल अवधि के दौरान किसी भी कर्मचारी के विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं करने के साथ ही उस अवधि का उसका वेतन नहीं काटा जाएगा।