जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

महर्षि दयानंद सरस्वती के 200 वे जन्म जयंती वर्ष और उनके जोधपुर आगमन के 140 वर्ष पूरे होने पर अंतर्राष्ट्रीय आर्य सम्मेलन आज से जोधपुर में शुरू हुआ। तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में देश और विदेश से आर्य समाज के 5 हजार से अधिक लोग शामिल होंगें। कार्यक्रम में युवाओं को संस्कारों से जोड़ना, महिला सशक्तिकरण और देश की आजादी में आर्य समाज की भूमिका सहित आज के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा नई दिल्ली के नेता स्वामी आर्यवेश के सानिध्य में धवाजारोहण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई।

आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान के बिरजानंद एडवोकेट ने कहा दयानंद सरस्वती का जोधपुर की धरती से विशेष लगाव रहा है। 140 साल पहले दयानंद सरस्वती का यहां के तत्कालीन महाराजा उनके प्रवचन सुनने के लिए उन्हें आमंत्रित करते थे। उन्होंने कहा देश को विश्व गुरु बनाने के लिए महर्षि दयानंद के सिद्धांतों को जीवन में अपनाना होगा।

शहर विधायक मनीषा पंवार ने बताया इसमें देश और विदेश से हजारों की संख्या में सन्यासी और आर्य समाज परिवार के लोग हिस्सा लेंगे। जिनमें जोधपुर के 2500 से अधिक आर्यवीर भी शामिल हुए हैं। वहीं देश और विदेश से 2 हजार से अधिक लोग हिस्सा ले रहे हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत आज सुबह 6 बजे योग साधना प्रशिक्षण शिविर से हुई। इसमें स्वामी इंद्रवेश विद्यापीठ आश्रम टिटोली रोहतक से आई बहन पूनम आर्या ने योग का प्रशिक्षण दिया। उम्मेदसिंह आर्य, शिवदत्त आर्य, छवि आर्या ने संचालन किया। सुबह 8 बजे से 9:30 बजे तक आर्य लेखक परिषद के अध्यक्ष आचार्य वेद प्रिय शास्त्री के सानिध्य में यज्ञ हुआ। इसमें गुरुकुल गौतम नगर दिल्ली के ब्रह्मचार्य ने वेद पाठ किया। कन्या गुरुकुल चित्तौड़गढ़ के डॉक्टर सोमदेव शास्त्री , महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ बलबीर आचार्य ने प्रवचन दिए।