करौली ब्यूरो रिपोर्ट।  

करौली- महवा बाईपास पर 800 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा आरओबी निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। वर्तमान में करीब 7 किमी बाईपास मार्ग पर दो करोड़ की लागत से डामरीकरण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। आरओबी से वाहनों की निकासी आधिकारिक रूप से शुरू नहीं की गई है, लेकिन कुछ वाहन चालक आरओबी से होकर निकलना शुरु हो गए हैं। वर्ष 2015 में 31 करोड़ 35 लाख रुपए स्वीकृत किए थे। इसके बाद कार्यकारी एजेंसी राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेन्ट्स कॉर्पोरेशन (आरएसआरडीसी) द्वारा दिल्ली की पीआरएल कंपनी को निविदा जारी की गई।

जुलाई 2015 में आरओबी का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया। वर्ष 2017 में निर्माण कार्य पूरा होना था। लेकिन रेलवे क्षेत्र में काम करने की अनुमति नहीं मिलने, रेलवे के जबलपुर जोन मुख्यालय में ड्राइंग फेल होने पर फिर से डिजाइन तैयार करने तथा फाउंडेशन के लिए बनाई जाने वाली पाइल का नमूना फेल होने के कारण आरओबी निर्माण में देरी हुई।

एक माह में झारेड़ा आरओबी से जुड पूरा काम पूरा हो जाएगा

आरओबी निर्माण में देरी पर पीआरएल कंपनी पर राशि की पेनेल्टी भी लगाई गई थी। इसके बाद सभी काम पूरा कर लिया गया, लेकिन रेलवे स्टेशन की ओर से गार्डर डालने की अनुमति देरी से मिली। वर्ष 2023 में जनवरी माह में 5 गार्डर के 15 ब्लॉक डालने का काम पूरा कर लिया गया। इसके बाद सड़क निर्माण का कार्य पूरा किया गया और अब वर्तमान में डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है। आरएसआरडीसी के अभियंता सियाराम मीना ने बताया कि करीब एक माह में झारेड़ा रोड बाईपास के आरओबी से जुडा पूरा काम पूरा हो जाएगा। वर्तमान में शहर में होकर भी सभी चौपहिया, दुपहिया व भारी वाहनों की निकासी हो रही है। आरओबी सड़क मार्ग का काम पूरा होने पर वाहनों की आवाजाही सुचारु होने के बाद भारी वाहनों की शहर में होकर निकासी से मुक्ति मिल सकेगी। वर्तमान में मुख्य सड़क मार्ग पर सड़क निर्माण के चलते वाहन चालकों को आवागमन में परेशानी हो रही है। बाईपास के आरओबी से आधिकारिक रूप से वाहनों की निकासी होने पर लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल सकेगी।