जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

जोधपुर जिले के बालेसर दुर्गावता गांव में महंगाई राहत कैंप के अधिकारी 98 साल की बुजुर्ग महिला का पेंशन सत्यापन कराने घर पहुंचे और गारंटी कार्ड दिया। लाभार्थी बुजुर्ग महिला मथुरा देवी ​​नेत्रहीन, बधिर, निस्संतान होने के साथ ही पति एवं परिवार से भी वंचित रहकर एकल नारी के रूप में दूर के रिश्तेदार पर आश्रित हैं। मथुरा देवी की पेंशन सत्यापन के अभाव में बंद हो गई थी। सत्यापन के लिए वृद्धावस्था एवं विकलांगता की वजह से वह कैंप तक आने में सक्षम नहीं थी। ऐसे में सत्यापन के लिए विकलांग एवं नेत्रहीन वृद्धा को घर से लाकर सत्यापन की कार्यवाही करना तक मुश्किल था।

महंगाई राहत कैंप एवं प्रशासन शहरों के संग अभियान के अन्तर्गत बालेसर दुर्गावता गांव में शिविर लगा। शिविर प्रभारी मनोज खेमादा के ध्यान में जब यह बात आई तो उन्होंने पालिका के अधिशासी अधिकारी सोमप्रकाश मिश्रा को निर्देश दिए जिस पर पहल करते हुए उन्होंने मथुरा देवी के घर पहुंचकर सत्यापन का रास्ता अपनाया।

इस पर नगर पालिका के तकनीकी सहायक राजेश चौधरी, पार्षद वीरम शर्मा और कंम्प्यूटर ऑपरेटर राहुल प्रजापत ने विकलांग नेत्रहीन वृद्धा के घर पहुंचकर महिला की पेंशन को सत्यापित किया।

एक भी कैंप अटेंड नहीं करने वाले अधिकारी को नोटिस

बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक बजरंग लाल सारस्वत को उपखंड अधिकारी जोधपुर उत्तर नीरज मिश्रा द्वारा 17 सीसीए का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 24 अप्रैल से जारी महंगाई राहत शिविर में उन्होंने एक दिन भी अपनी उपस्थिति नहीं दी है। इसकी प्रगति रिपोर्ट 24 अप्रैल से ही निरन्तर शून्य आ रही है। नोटिस में कहा गया है कि बिना सूचना कैंप में गैरहाजिर रहना राजकीय आदेशों की घोर अवहेलना है और इस वजह से विभागीय कार्यों की प्रगति शून्य रही है।