एक नौसिखिया और लापरवाह ट्रैक्टर ड्राइवर 8 लोगों की जान ले बैठा। 29 लोग अस्पताल में मौत से लड़ रहे हैं। डीजल कम जले इसलिए बिना ट्रैक्टर चालू किए ड्राइवर ने पहाड़ी की ढलान पर उतार दिया और जब स्पीड बढ़ने से स्टेयरिंग कंट्रोल नहीं कर पाया तो खुद कूदकर अलग हो गया।
करीब 50 महिलाओं और बच्चों से भरी बेकाबू ट्रैक्टर-ट्रॉली ढलान पर पहले बिजली के खंभे से टकराई फिर 100 फीट गहरी खाई में पलट गई। झुंझुनूं के उदयपुरवाटी इलाके में मनसा माता मंदिर से 1 किलोमीटर दूर सोमवार शाम करीब 6 बजे यह हादसा हुआ था। मृतकों में 6 महिला श्रद्धालु और 2 बच्चे शामिल हैं। इधर, 15 घंटे से यानी मंगलवार सुबह तक भी एसडीआरएफ की टीम खाई में लोगों का रेस्क्यू कर रही है। वहीं, पीएम मोदी ने मंगलवार सुबह ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए सहायता राशि की घोषणा की है।हादसे में घायल 24 लोगों को उदयपुरवाटी सीएचसी और 14 को पौंख सीएचसी पहुंचाया गया। ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार अधिकतर श्रद्धालु उदयपुरवाटी के राजीवपुरा और मणकसास गांव के ग्रामीण थे।
मूर्ति स्थापना के कार्यक्रम से लौट रहे थे श्रद्धालु
दरअसल, मनसा माता की पहाड़ियों में 24 मई से दुर्गा महायज्ञ चल रहा था। वैसे तो हर दिन भंडारा चल रहा था, लेकिन सोमवार को मां दुर्गा की मूर्ति स्थापना के कार्यक्रम में विशेष भंडारा किया गया था। पचलंगी के नजदीक राजीवपुरा के ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे।
मोबाइल नेटवर्क भी नहीं, समय रहते मदद भी नहीं मांग सके
ट्रैक्टर ट्राली में सवार करीब 40-50 महिलाएं और बच्चे चीखने-चिल्लाने लगे। मौके पर किसी भी मोबाइल का नेटवर्क काम नहीं करता है। ऐसे में वहां से कुछ लोग भागकर कार्यक्रम स्थल गए और मदद मांगी। पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी उस कार्यक्रम में मौजूद थे, उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को बचाव कार्य में लगाया। मंत्री के कार्यकर्ता प्राइवेट गाड़ियों से घायलों को उदयपुरवाटी सीएचसी पहुंचाने लगे। मंत्री ने भी एसडीएम और अन्य प्रशासन को अलर्ट किया।
सीएचसी पर उस समय जरूरत के मुताबिक डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ नहीं था। सबसे पहले डॉ. अरुण शर्मा और डॉक्टर मिनाक्षी शर्मा सीएचसी पहुंचे। उसके बाद डॉक्टर संदीप गुप्ता और अन्य डॉक्टर। चार महिलाओं ने सीएचसी पहुंचते ही दम तोड़ दिया। बाकी का इलाज शुरू कर दिया।
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