अलवर ब्यूरो रिपोर्ट।
उद्याेगों में उत्पादन बढ़ने से निर्यात और राेजगार बढ़ रहे हैं। इससे सरकार के खजाने में भी बढ़ाेतरी हाे रही है। अलवर ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्र और राज्य सरकार के खजाने में 11 हजार कराेड़ रुपए दिए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष से 84% अधिक है। इसमें भी निर्यात बढ़ने से सर्वाधिक 98% आईजीएसटी के रूप में दिए हैं। काम बढ़ा ताे कंपनियाें ने राेजगार भी बढ़ाए हैं। सर्वाधिक बूम ऑटाेमाेबाइल इंडस्ट्री में आया है।
हालांकि राॅ मेटीरियल में बढ़ाेतरी हाेने से कच्चे माल की कीमतें भी बढ़ी हैं। बीआईआईए के अध्यक्ष प्रवीण लांबा के अनुसार लंबे समय के बाद कंपनियां अपनी फुल रफ्तार पर हैं। कंपनियाें के पास ऑर्डर बढ़ने से शिफ्टें भी बढ़ी हैं। जिससे मजदूराें की मांग में भी बढ़ाेतरी देखी जा रही है। इसी का नतीजा है कि जमीनाें में भी ढाई गुना तक बढ़ाेतरी हुई है। घीलाेठ रीकाे के एसआरएम शिव कुमार ने बताया 3 साल पहले तक जमीनाें के भाव 4 हजार रुपए वर्ग मीटर तक थे। वर्तमान में यह 10 हजार से ऊपर पहुंच गए हैं। भिवाड़ी के काराैली में 8 हजार रुपए वर्ग मीटर से 20 हजार वर्ग मीटर तक हैं।
समझिए... किस तरह भरा सरकार का खजाना
अलवर संभाग में सिनर्जी स्टील ने अपने 2185 कराेड़ रुपए के टर्न ओवर पर सर्वाधिक 34.84 कराेड़ रुपए स्टेट जीएसटी के रूप में राज्य सरकार काे दिए हैं। वहीं आरएसपीएल (घड़ी डिटर्जेंट पाउडर) 748 कराेड़ रुपए के टर्नओवर के साथ 28 कराेड़ रुपए चुकाकर दूसरे नंबर पर रही। आयशर ट्रैक्टर ने 588 कराेड़ रुपए टर्नओवर के साथ 20 कराेड़ रुपए स्टेट जीएसटी के रूप में सरकार काे दिए।
34987 फर्म पंजीकृत
अलवर संभाग में 34 हजार 987 फर्म और उद्याेग पंजीकृत हैं। इनमें 26 हजार 984 नार्मल डीलर हैं, जाे हर महीने जीएसटी देते हैं।
सर्वाधिक टैक्स देने वाली कंपनियां
होंडा कार, हाेंडा बाइक और स्कूटर, हीराे माेटरकाॅर्प, जगुआर, सेंट गाेबेन, सिनर्जी स्टील, आयशर, आरएसपीएल आदि।
जीएसटी कलेक्शन लगातार बढ़ रहा है। अलवर संभाग में सर्वाधिक जीएसटी सिनर्जी स्टील से मिला।
रामलाल चाैधरी, अतिरिक्त आयुक्त (प्रशासन) राज्य कर अलवर संभाग
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