श्रीगंगानगर - राकेश शर्मा
राष्ट्रीय कला मंदिर की ओर से मंगलवार रात्रि चौ. रामजस सभागार में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जिला कुम्हार सभा के पूर्व अध्यक्ष, समाजसेवी प्रहलादराय टाक तथा विशिष्ट अतिथि आरडी बर्मन फैन्स क्लब के अध्यक्ष संजीव लोहिया थे। प्रारंभ में अतिथियों व कला मंदिर के संरक्षक एड. विजय कुमार गोयल, अध्यक्ष वीरेन्द्र बैद व सचिव शिव जालान ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद कला मंदिर पदाधिकारियों, अतिथियों ने बाहर से पधारे कवियों का सम्मान किया। इस कवि सम्मेलन में फिरोजाबाद से आए पूर्व सांसद ओमपाल सिंह निडर, इंदौर के सत्येन वर्मा, टुंडला के राम राहुल, एटा की सीमा पुण्ढ़ीर, जिरश्मी के अतुल पुण्ढ़ीर तथा आगरा के प्रांजल प्रताप सिंह काव्य पाठ के लिए पहुंचे। कला मंदिर की ओर से पदाधिकारियों व समन्वयक भीम शर्मा एवं ओमपाल निडर ने दोनों अतिथियों का भी सम्मान किया। इसका संचालन शिक्षक सुनील शर्मा ने किया। अध्यक्ष वीरेन्द्र बैद ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि यह हमारे लिए प्रसन्नता की बात है कि देश में 51 वर्षों से कविता पाठ कर रहे ओमपाल सिंह निडर हमारे बीच आए हैं और उनका यह 10238वां कवि सम्मेलन है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि श्रीगंगानगर में कल्चर के नाम पर एग्रीकल्चर ही अधिक है। सीमा पुण्ढ़ीर ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। अतुल पुण्ढ़ीर ने वक्त नहीं है, कविता के माध्यम से आज के भागदौड़ भरे जीवन व वक्त की महत्त्व के बारे में अपनी बात कही। प्रांजल प्रताप सिंह ने शृंगार रस के गीत कैसे मिले सुगंध सरोवर पंकज खिला नहीं, मजबूरी है उसे किरण का चुम्बन मिला नहीं, के माध्यम से श्रोताओं को आनंदित किया। राम राहुल ने अंगूठी से नहीं निभती, नगीने टूट जाते हैं, रचना के माध्यम से सामाजिक स्थिति की ओर इशारा किया। सीमा पुण्ढ़ीर ने अपने गीत न करने से जो भी अमल हो गये हैं, मुहब्बत के दिल में कमल हो गये हैं, तुम्हारी मर्जी पढ़ो चाहे जितना, कि हम तो तुम्हारी गजल हो गये हैं, सुनाकर वाहवाही लूटी। राम राहुल ने अपनी हास्य रचनाएं सुनाईं। इनमें उनकी कितने बाप रचना और खिलौना रेल से जुड़ी यह टुंडल स्टेशन है, ने लोगों को गुदगुदाया। इंदौर के सत्येन वर्मा ने कौन हल्का कौन भारी है, यह तराजू की जिम्मेदारी है, के माध्यम से अपने रचना पाठ की शुरूआत की। उन्होंने भगवान का अपराध है आदमी, नामक रचना से समाज की चिंतनीय स्थिति की ओर इशारा किया। उनकी रचना को भी श्रोताओं ने सराहा। कवि सम्मेलन का संचालन ओमपाल निडर ने स्वयं संभाला। उन्होंने मंच की अपनी पहली रचना को भी सुनाया और राम मंदिर के निर्माण को लेकर बाबरी विध्वंस से पहले की अपनी रचना मंदिर वहीं बनाएंगे भी सुनाई। उन्होंने अपनी ओजस्वी रचनाओं से वाहवाही लूटी। निडर ने कहा कि भारत में रहने वालों को भारत से प्यार करना चाहिए। उन्होंने समाजवाद, हिन्दुत्व आदि पर भी रचनाएं सुनाईं। इसके साथ ही कहा कि राम मंदिर के निर्माण की चर्चा करते हुए कहा कि अब मथुरा काशी जाएंगे। अंत में शिव जालान ने आभार जताया। राष्ट्रीय कला मंदिर के पदाधिकारियों व गणमान्य नागरिकों सहित अनेक काव्यप्रेमी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।