करौली ब्यूरो रिपोर्ट।  

ग्राम पंचायत करसाई, कोटा-मामचारी और महोली के ग्रामीणों ने बुधवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर तहसील करौली में ही रखने की मांग की है। साथ ही कैलादेवी, सपोटरा में शामिल किए विभागों को भी करौली में ही स्थापित करने की मांग की।

ग्राम पंचायत करसाई, कोटा-मामचारी और महोली के ग्रामीणों ने लोगों ने जिला कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में तहसील करौली में ही रखने की मांग की है। रामजीत कुशवाहा ने बताया कि ग्रामीणों की मांग है कि ग्राम पंचायत करसाई, कोटा-मामचारी महौली के जलदाय विभाग व सार्वजनिक विभाग के अधिकारी सपोटरा में बैठ रहे हैं, जिसके चलते ग्रामवासियों के नलों से संबंधित और रास्तों से संबंधित शिकायतों के लिए उन्हे सपोटरा जाना पड़ता है। सपोटरा की दूरी करसाई, कोटा-मामचारी, महौली से 40-45 किलोमीटर है, जबकि करौली मात्र 10 से 12 किलोमीटर दूर ही है।

उन्होंने बताया कि उप तहसील कैलादेवी में विद्युत विभाग, रेवन्यू, रजिस्ट्री आदि के लिए करसाई, कोटा-मामचारी, महौली को जोड़ दिया है, जिसकी दूरी 15 किलोमीटर है। वहीं, करौली जिला मुख्यालय मात्र 10 किलोमीटर दूर है। घरेलू कनेक्शन, विद्युत विभाग से संबंधित शिकायत, डीपी खराब होने पर कैलादेवी व कुडगांव के चक्कर काटने पड़ते हैं। उपतहसील कैलादेवी में करसाई, कोटा-मामचारी, महौली को जोड़ने से आम जनता पर आर्थिक भार पड़ेगा। दूरी के कारण आमजन को भारी परेशानी हो रही है। जनता इसका विरोध कर रही है।

ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर ग्राम पंचायत करसाई, कोटा-मामचारी, महोली के पीएचईडी, पीडब्ल्यूडी विद्युत विभाग एवं रेवन्यू कार्य के कैला देवी, सपोटरा से हटा कर करौली में ही जोड़ने की मांग की है। इस दौरान बचन सिंह मीणा, भूरा मीणा, विजयसिंह, बलिराम, हुकम चंद मीणा, देशराज मीणा, रामनरेश मीणा, चिरंजी, कमल, कुंजीलाल सहित अन्य मौजूद रहे।