बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट।  

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दो दिन बाद बीकानेर आने वाले हैं, इससे पहले यहां कांग्रेस के दो दिग्गज आमने-सामने हो गए हैं। कैबिनेट मंत्री गोविन्दराम मेघवाल और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के बीच खींचतान सामने आई है। विवाद रामेश्वर डूडी के उस बयान को लेकर हुआ है। इसमें उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में उन्होंने ही भाजपा नेता डॉ. विश्वनाथ को टिकट देने की सिफारिश की थी। इस मामले में अब खाजूवाला विधायक गोविन्दराम मेघवाल ने आलाकमान तक को शिकायत कर दी है।

दरअसल, शुक्रवार को नोखा में शहीद कालूराम मेघवाल के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में डूडी बोल रहे थे। ​​​​​​मेघवाल समाज के नेता इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस दौरान डूडी ने कहा- एक चुनाव में डॉ. विश्वनाथ मेघवाल का टिकट कट सकता था। उन्होंने ही भाजपा नेता ओंकार सिंह लखावत से कहा था कि अगर डॉ. विश्वनाथ का टिकट काटा गया तो खाजूवाला से भाजपा को कुछ नहीं मिलने वाला है। इसके बाद डूडी ने डॉ. विश्वनाथ की मंच से जमकर तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि डॉ. विश्वनाथ अच्छे इंसान है।

इस बयानबाजी के बाद गोविन्दराम मेघवाल नाराज नजर आ रहे हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में गोविन्दराम मेघवाल ने कहा- मामले की जानकारी आलाकमान को दी गई है। मेघवाल ने यहां तक कहा- रामेश्वर डूडी न सिर्फ खाजूवाला बल्कि पूरे जिले की सात विधानसभा सीटों पर इसी तरह करते हैं। मेघवाल का कहना है कि उन्हें ज्यादा बोलने के लिए मना किया गया है। इसलिए फिलहाल इस मुद्दे पर इतनी ही बात कहेंगे।

इस बारे में दैनिक भास्कर से बातचीत में रामेश्वर डूडी ने कहा- मैंने सिर्फ डॉ. विश्वनाथ को अच्छा आदमी बताया था। बात तब की है जब खुद गोविन्दराम कांग्रेस में नहीं थे। निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे। बाकी भाजपा वालों ने इस वीडियो को एडिट किया है। मेरे कहने से ही टिकट देते तो मैं जिसे चाहता उसे मेरे सामने खड़ा करवा लेता। भाजपा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई भी इस दौरान सभा में उपस्थित थे।

डॉ. विश्वनाथ बोले- डूडी ने सामान्य तरीके से कहा

इस बारे में डॉ. विश्वनाथ ने कहा- नोखा के कार्यक्रम में हम दोनों एक ही मंच पर थे। सामान्य तरीके से डूडी ने कहा था। ऐसा नहीं है कि उन्होंने मुझे टिकट दिलवाया था। तब खुद गोविन्दराम तो कांग्रेस में ही नहीं थे।

पहले भी विरोधी रहे हैं

दरअसल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी और कैबिनेट मंत्री गोविन्दराम मेघवाल के बीच में पहले भी विवाद रहे हैं। दोनों नोखा विधानसभा में राजनीति करते थे। मेघवाल नोखा से ही विधायक बनकर भाजपा राज में संसदीय सचिव बने थे। इसके बाद वो कांग्रेस के टिकट पर खाजूवाला से चुनाव लड़े। दोनों सार्वजनिक तौर पर एक दूसरे का विरोध करते रहे हैं।

जिला परिषद चुनाव में भी आमने-सामने

हाल ही में बीकानेर जिला परिषद के चुनाव में जब कांग्रेस ने बढ़त पाई थी तो गोविन्दराम अपनी बेटी सरीता चौहान को जिला प्रमुख का चुनाव लड़ाना चाहते थे। डूडी ने अपने समर्थक मोडाराम को टिकट दिलवाया। तब भी दोनों के बीच संबंधों में खटास की बात सामने आई थी।

दोनों कैबिनेट स्तर के नेता

गोविन्दराम मेघवाल पिछले विधानसभा चुनाव में जीतकर आए। उन्हें गहलोत सरकार के पहले कैबिनेट फेरबदल में मंत्री बनाया गया। वहीं, रामेश्वर डूडी काे हाल ही में राजस्थान स्टेट एग्रो डवलपमेंट बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया। डूडी के पास भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा है। डूडी जाट नेता के रूप में छवि बना चुके हैं। वहीं, मेघवाल दलित नेता है। दोनों का खुद की विधानसभा के अलावा जिले की अन्य विधानसभाओं में भी प्रभाव है।